Azam Khan News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam) द्वारा 2008 के एक मामले में सजा पर रोक के अनुरोध वाली एक याचिका पर मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया. अब बुधवार को इस मामले में कोर्ट का फैसला आ सकता है. अगर कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगती है तो स्वार सीट पर उपचुनाव टाला जा सकता है.
अब्दुल्ला ने वर्ष 2008 में दर्ज एक आपराधिक मामले में मुरादाबाद की अदालत द्वारा उन्हें और उनके पिता को दोषी करार दिए जाने और दो वर्ष की सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अब्दुल्ला के वकील और राज्य सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है.
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क्या था मामाला?
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में मुरादाबाद के छजलेट पुलिस थाना में अब्दुल्ला और उनके पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 और 353 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि मुरादाबाद में जांच के लिए पुलिस द्वारा अब्दुल्ला और उनके पिता का वाहन रोके जाने के बाद उन्होंने ट्रैफिक जाम कर दिया था. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 13 फरवरी, 2023 को आजम खान (74) और उनके बेटे अब्दुल्ला (32) को दो-दो वर्ष की सजा सुनाई और प्रत्येक पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया. बाद में मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी गई थी.
हालांकि, दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद 15 फरवरी, 2023 को रामपुर की स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्ला को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि घटना जिस दिन हुई उस समय याचिकाकर्ता नाबालिग था, इसलिए उन्हें दोषी ठहराए जाने के आदेश पर इस अदालत द्वारा रोक लगाई जानी चाहिए. अब अगर कोर्ट द्वारा अब्दुल्ला आजम की सजा पर रोक लगाई जाती है तो स्वार उपचुनाव टल सकता है.