(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने ई-फाइलिंग के विरोध का किया ऐलान, SC में करेंगे याचिका दाखिल
Allahabad High Court E-Filing Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने ई-फाइलिंग के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करने का ऐलान कर दिया है. अगले हफ्ते याचिका दाखिल हो सकती है.
Allhabada High Court On E-Filing News: ई-फाइलिंग के जरिए मुकदमों के दाखिले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी खासी मुखर नजर आ रही है. हाई कोर्ट के वकीलों ने इसका जमकर विरोध करने का ऐलान किया है. वकीलों का साफ तौर पर कहना है कि ई-फाइलिंग की व्यवस्था ना तो अधिवक्ताओं के हित में है और ना ही वादकारियों के हित में है. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है. यह याचिका अगले हफ्ते ही दाखिल हो जाएगी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिल तिवारी और महासचिव विक्रांत पांडेय के मुताबिक जिलों से घर बैठे ई फाइलिंग के जरिए मुकदमा दाखिल होने से एक तरफ ठीक से पैरवी नहीं हो सकेगी और वहीं दूसरी तरफ न्यायपालिका के सम्मान की गरिमा भी गिरेगी. पदाधिकारियों के मुताबिक इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील न्यायपालिका की गरिमा के मुताबिक अदालत में पेश होते हैं और बहस करते हैं, लेकिन जिलों के वकील इस गरिमा को बनाकर नहीं रख पाएंगे. पदाधिकारियों का कहना है कि यह कोई सरकारी आदेश नहीं, बल्कि ज्यूडिशियल आर्डर है, इसलिए कानूनी तरीके से ही इसका विरोध किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के माध्यम से ही वहां अगले हफ्ते अर्जी दाखिल की जाएगी. याचिका तैयार कराई जा रही है.
ई-फाइलिंग को पहले सुप्रीम कोर्ट में लागू करने की मांग
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी, महासचिव विक्रांत पांडेय और उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अगर यह फैसला दूरी के आधार पर वादकारियों के हितों का बहाना बताकर लिया जा रहा है, तो इस व्यवस्था को सबसे पहले प्रयोग के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में लागू किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में अगर यह व्यवस्था सफल होती है तभी इसे देश के सभी हाई कोर्ट में लागू करना चाहिए. पदाधिकारियों का कहना है कि वह कतई तकनीक के विरोध में नहीं हैं. जरूरी मामलों में ई फाइलिंग का विरोध नहीं है, लेकिन फिलहाल यह अनावश्यक है. पदाधिकारियों के मुताबिक हाई कोर्ट आने वाले पदाधिकारियों के हितों के मद्देनजर यहां के वकील फिलहाल हड़ताल पर नहीं जा रहे हैं, लेकिन इसके विरोध में पुरजोर तरीके से अपनी आवाज उठाते रहेंगे.
याचिका दाखिल करने से पहले सुप्रीम कोर्ट से की जाएगी मांग
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियो का कहना है कि याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मांग की जाएगी कि प्रत्येक जिले की बजाय हर हाई कोर्ट में डिजिटलाइजेशन सेंटर खोले जाएं. इसके साथ ही एडवोकेट रोल की प्रक्रिया जटिल बनाई जाएगी. साथ ही
हाई कोर्ट बार के सदस्यों के सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें उनका बार काउंसिल का रजिस्ट्रेशन नंबर, एडवोकेट रोल आदि का सत्यापित किया जाएगा.
इसके लिए तथ्य और अन्य जरूरी सामग्री एकत्र करने के लिए महासचिव विक्रांत पांडेय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी और सुभाष चंद्रयादव, संयुक्त सचिव प्रशासन सुमित श्रीवास्तव और संयुक्त सचिव प्रेस पुनीत शुक्ल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है.
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