प्रयागराज, एबीपी गंगा। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी की पोषणीयता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज पूरी हो गई है। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने इस मामले में अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है। अदालत का फैसला दीपावली की छुट्टियों के बाद आने की उम्मीद है। सपा नेता और पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल की गई अर्जी का पीएम मोदी की तरफ से विरोध किया गया और उसे मेरिट पर सुने बिना ही खारिज किये जाने की मांग की गई। पीएम मोदी की तरफ से अदालत में यह दलील दी गई कि याचिकाकर्ता तेज बहादुर यादव न तो वाराणसी लोकसभा सीट के वोटर हैं और न ही वहां हुए चुनाव में प्रत्याशी थे, ऐसे में में उन्हें अदालत में चुनाव याचिका दाखिल करने का अधिकार ही नहीं है। पीएम मोदी की इस आपत्ति पर आज याचिकाकर्ता तेज बहादुर की तरफ से दलील पेश की गई। अदालत से अगले हफ्ते आने वाले फैसले में यह तय होगा कि तेज बहादुर की इस अर्जी पर हाईकोर्ट मेरिट पर सुनवाई करेगी या फिर उसे सुनवाई के लायक नहीं मानकर अभी से ख़ारिज कर दिया जाएगा। मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की बेंच में हो रही है।
समाजवादी पार्टी से टिकट पाने वाले पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर की अर्जी में वाराणसी सीट से पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी। तेज बहादुर ने इसके लिए अपना नामांकन पत्र खारिज किये जाने को बड़ा आधार बनाया था और आरोप लगाया था कि उनका परचा पीएम मोदी के दबाव में खारिज किया गया है। अर्जी में इसके साथ ही पीएम व बीजेपी उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी के नामांकन पत्र में परिवार के ब्यौरे समेत कई कालम खाली छोड़े जाने को भी चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि इस आधार पर उनका नामांकन भी खारिज हो जाना चाहिए। तेज बहादुर यादव की इस अर्जी को जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच ने सत्रह जुलाई को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किया गया था और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा गया था। पीएम मोदी की तरफ से दाखिल किये गए जवाब में अर्जी की पोषणीयता पर ही सवाल उठाए गए और उसे खारिज किये जाने की मांग की गई थी।
पीएम मोदी की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 व पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 86 (1) के तहत याचिका बिना किसी ठोस वजह के दाखिल की गई है। इसके साथ ही नियम यह भी है कि चुनाव याचिका सिर्फ उस सीट से चुनाव लड़ने वाला वैध प्रत्याशी या कोई वोटर ही दाखिल कर सकता है, तेज बहादुर यादव न तो वाराणसी सीट से चुनाव लड़े थे और न ही वह वहां के वोटर हैं, ऐसे में उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का हक़ ही नहीं है। इसी आधार पर उनकी अर्जी को सुनवाई के बिना ही खारिज कर दिया जाना चाहिए।