Allahabad High Court: यूपी बोर्ड सर्टिफिकेट में मुस्लिम से हिंदू नाम बदलवाने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है. सिंगल बेंच ने मूल अधिकार बता नाम बदलने का यूपी बोर्ड को आदेश दिया था. कोर्ट ने याची का नाम शाहनवाज से एमडी समीर राव के रूप में अपने रिकॉर्ड में परिवर्तन करने का आदेश दिया था. 


सिंगल बेंच ने यूपी बोर्ड के प्रावधान को भी गैर संवैधानिक करार दिया था. जिसके द्वारा इस तरह के नाम परिवर्तन की अनुमति नहीं दी गई थी. अब इस मामले में 25 जुलाई को फिर सुनवाई होगी. कोर्ट ने याची का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने का आदेश दिया है. मामले में यूपी सरकार की तरफ से विशेष अपील दाखिल की गई है. विशेष अपील में एकल जज के 25 मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है. कोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिया था कि इस तरह के मामले के लिए एक नीति भी बनाई जाए.


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क्या थी याची की मांग?
कोर्ट के फैसले में कहा गया कि सरकार को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को सही तरीके से लागू करने का अधिकार है. सरकार युक्तियुक्त नियंत्रण लगा सकती है. ऐसा समाज के बेहतर लाभ के लिए कर सकती है. यूपी बोर्ड ने अपने रेगुलेशन में इस तरह के नाम परिवर्तन पर प्रतिबंध लगा रखा है. जो समाज में भ्रम पैदा करें और उसकी समय सीमा तय की है. याची शाहनवाज की मांग थी कि उसका नाम शाहनवाज से एमडी समीर राव करने का निर्देश दिया जाए.


यानी ने यूपी बोर्ड द्वारा नाम परिवर्तन की अनुमति नहीं मिलने पर कोर्ट का रुख किया था. याची का कहना था कि उसने अन्य सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम परिवर्तन करा लिया है. जिसपर सिंगल बेंच ने कहा था कि किसी को नाम बदलने से नहीं रोका जा सकता है. किसी को भी अपनी मर्जी से नाम रखने का मूल अधिकार प्राप्त है. जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस ए के गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामले में अब सुनवाई की है.