प्रयागराज, एबीपी गंगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी की योगी सरकार द्वारा गायों के संरक्षण के लिए शुरू की गई गौशाला योजना समेत पशुओं के लिए चलाई जा रही दूसरी योजनाओं को कागजी करार देते हुए कहा है कि इन योजनाओं का सही फायदा पशुओं को नहीं मिल पा रहा है। अदालत ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि सारी योजनाएं ज़्यादातर कागजों पर ही चल रही हैं और उनकी जमीन हकीकत में कोई असर नजर नहीं आ रहा है। अदालत ने सरकार को यूपी के बुंदेलखंड इलाके की अन्ना प्रथा का हल निकालने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि सरकार ज़मीनी स्तर पर कुछ इस तरह के कदम उठाए, जिससे अन्ना प्रथा का शिकार हुए पशुओं का संरक्षण हो सके। लोगों द्वारा दूध निकालने के बाद पशुओं को खुला छोड़ने को 'अन्ना प्रथा' कहा जाता है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने बुंदेलखंड किसान यूनियन की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। याचिका की अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी। इनका कहना है कि बुंदेलखंड में आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने से किसान परेशान है। सड़कों पर आवारा पशुओं की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन बुंदेलखंड क्षेत्र की इस बड़ी समस्या का कोई हल निकालने के लिए किसी तरह के कदम नहीं उठा रहा है। किसान फसल बर्बाद होने से दुखी होकर आत्महत्या कर रहे हैं।
याचिका में राज्य सरकार को गोवंश की सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग की गयी है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में कान्हा पशु आश्रय योजना को लागू करने की मांग की है। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से बताया गया इस संबंध में 9866.11 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। प्रदेश में जानवरों के 46 स्थायी आश्रय स्थल शहरी क्षेत्र में बनाए जाने हैं। सरकार शहरों में अवैध रूप से चल रहे डेरी को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजना भी लागू कर रही है। 16 अक्टूबर 2018 को वृहद गौ संरक्षण केंद्र योजना 68 जिलों में शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है ।बुंदेलखंड के 7 जिलों में हर डिस्ट्रिक्ट में 120 लाख रुपए इसके लिए मंजूर किए गए हैं। 3400 लाख रुपए बृहद गौ संरक्षण केंद्र की स्थापना के लिए मंजूर हुए हैं। जिसमें कुल 8160 लाख का खर्चे का अनुमान है ।
150 लाख रुपए बुंदेलखंड के हर जिले के लिए अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाने के लिए भी मंजूरी दी गई है । प्रदेश के 68 जिलों में गौ संरक्षण केंद्र की स्थापना के लिए 8160 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। इसका नाम माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना दिया गया है। जिसमें जानवरों को रखा जाएगा ।प्रति जानवर रूपये 30 प्रतिदिन खुराक के रूप में तय किया गया है।
कोर्ट ने बुन्देलखंड में जारी अन्ना प्रथा का प्रभावी निदान खोजने का राज्य सरकार को आदेश दिया है और अगली सुनवाई की तिथि पर हलफनामा मांगा है।