(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, इस केस में चलेगा ट्रायल
Allahabad High Court News: ये मामला साल 2000 का है. जिसमें यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी. कोर्ट ने 30 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Randeep Surjewala News: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला की याचिका को खारिज किया. वाराणसी में 23 साल पहले दर्ज हुई एफआईआर का ट्रायल शुरू किए जाने के खिलाफ ये याचिका दाखिल की गई थी. याचिका खारिज होने के बाद अब मुकदमे का ट्रायल वाराणसी की सेशन कोर्ट में शुरू होगा.
ये मामला साल 2000 में यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, हंगामे, तोड़फोड़ व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है. चर्चित संवासिनी कांड को लेकर कमिश्नर आफिस पर हुए प्रदर्शन में रणदीप सिंह सुरजेवाला भी शामिल हुए थे. इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 अक्टूबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने शुक्रवार को फैसला सुनाया.
साल 2000 में दर्ज हुआ था केस
कोर्ट ने सुरजेवाला की तरफ से पेश की गई दलीलों को खारिज कर दिया. महज देरी के आधार पर मुकदमे का ट्रायल रद्द किए जाने से कोर्ट ने इंकार किया. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुरजेवाला को कोई राहत नहीं दी है. कांग्रेस नेता सुरजेवाला के खिलाफ साल 2000 में आईपीसी की धारा 147, 332, 353, 336, 333, 427 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा तीन के तहत केस दर्ज हुआ था.
22 साल बाद शुरू हुआ था ट्रायल
ये केस वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज हुआ था. एफआईआर दर्ज होने के 22 साल बाद पिछले साल अप्रैल महीने में इस केस का ट्रायल शुरू किया गया. सुरजेवाला का आरोप है कि केस की एफआईआर या चार्जशीट से जुड़े हुए तमाम ओरिजिनल रिकॉर्ड खराब हो चुके हैं या गायब हैं. ऐसे में उन्होंने ट्रायल की प्रक्रिया रद्द किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
सुरजेवाला ने की थी ये मांग
हाईकोर्ट ने वाराणसी की सेशन कोर्ट को सुरजेवाला को पढ़ने लायक डॉक्यूमेंट मुहैया कराए जाने का आदेश दिया था. सुरजेवाला की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें जो डॉक्यूमेंटस मुहैया कराए गए, वह भी पढ़ने लायक नहीं हैं. इसलिए इस केस का ट्रायल शुरू नहीं किया जा सकता. ट्रायल की प्रक्रिया को रद्द किए जाने की मांग की गई थी.
इसके अलावा वाराणसी कोर्ट से इस मामले में जारी गैर जमानती वारंट को भी रद्द किए जाने की अपील की गई थी. रणदीप सिंह सुरजेवाला की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद गुलाम हसनैन ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा था. सैयद गुलाम हसनैन के मुताबिक निचली अदालत से सुरजेवाला के खिलाफ जारी हुए गैर जमानती वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 हफ्ते के लिए रोक लगा रखी है.
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