Keshav Prasad Maurya Degree Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत दे दी है. दरअसल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दायर एक याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस याचिका के कारण उनकी विधायकी खतरे में आ गई थी और उन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. याचिका में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज दिखा कर चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप हासिल करने के आरोप लगाए गए थे.


याचिकाकर्ता ने डिप्टी सीएम के खिलाफ फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज के आरोप को लेकर याचिका दायर करते हुए उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई थी. जानकारी के अनुसार प्रयागराज के ही रहने वाले दिवाकर नाथ त्रिपाठी की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी. दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका पर जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया.


याचिका को पाया तथ्य विहीन


दिवाकर नाथ त्रिपाठी के अनुसार उसने इस संबंध में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को प्रत्यावेदन दिया था. जिस पर कोई निर्णय नहीं आने पर उसने मजबूरन हाईकोर्ट का रुख किया और याचिका दायर की थी. फिलहाल जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान याचिका को तथ्य विहीन पाया. 


याची ने वापस ली याचिका


हाईकोर्ट के अनुसार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दायर याचिका के आरोपों में बल नहीं था, जिसके कारण हाईकोर्ट ने याची को चेतावनी दी कि याचिका भारी हर्जाने के साथ खारिज की जाएगी. जिस पर याची के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं. फिलहाल हाई कोर्ट ने इस बात को मंजूर करते हुए याचिका को वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया.


आपकों बता दें कि याची दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने इससे पूर्व भी अधीनस्थ अदालत में अर्जी दाखिल कर चुके हैं. उन्होंने सीआरपीसी धारा 156(3) के तहत परिवाद दाखिल किया था. जिसमें केशव मौर्य की डिग्रियों को फर्जी बताया था. अधीनस्थ अदालत ने भी उनके आरोपों में कोई दम न पाते हुए परिवाद खारिज कर दिया था.


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