Noida Today News: ववनालिका डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के भूमि विवाद मामले में YEIDA की जीत हुई है. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वनालिका डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका खारिज करते हुए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के पक्ष में फैसला सुनाया है. जिससे YEIDA को अब 1500 करोड़ रुपये का फायदा होगा.
कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के पक्ष में फैसला सुनाया है. वनालिका डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से सेक्टर में 100 एकड़ भूमि के आत्मसमर्पण के संबंध में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के फैसले को चुनौती दी गई थी.
बता दें कि साल 2011 और 2012 के बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) सरकारों के दौरान 205 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया प्लॉट, अब YEIDA की वर्तमान दरों के अनुसार 1700 करोड़ रुपये का अनुमानित मार्केट वैल्यू के आधार पर है. इस अंतर के लिए YEIDA को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ हो सकता है, जिससे संभावित रूप से इसके राजस्व में 1500 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है.
वहीं इस परियोजना में निवेश करने वाले 218 पीड़ित घर खरीदार अब प्लॉट के सरेंडर होने के बाद अपने पैसे वापस मांग रहे हैं. रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ये घर खरीदार एक धरना देने की योजना बना रहे हैं, जिसमें बिल्डर की कार्रवाइयों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गहन जांच की मांग की जाएगी और अपने निवेश पर ब्याज सहित रिफंड की मांग की जाएगी.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वनालिका डेवलपर्स का मामला उसके आंतरिक विवाद की वजह से उलझा है न कि अथॉरिटी के किसी गलत कदम की वजह से. साथ ही इस मामले को एनसीएलटी जैसे उपयुक्त मंच से हल कराने की बात भी कही है, जहां पहले से मामला लंबित है. दूसरी ओर, प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार ने मामले को पारदर्शी तरीके से निपटाने की बात कही है. अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्लॉट को टाउनशिप विकास के लिए नीलामी के लिए रखा जा सकता है.
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