Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आर्कियलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वे कर रही है. वहीं आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान हिंदू पक्ष की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.


ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद जनहित याचिका को खारिज कर दिया. बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से इसे वापस लेने के आधार पर जनहित याचिका को खारिज किया गया है.


हिंदू पक्ष ने रखा पक्ष


कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के बहाने परिसर में दाखिल होते हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि 'रोजाना बड़ी संख्या में नमाजी परिसर में दाखिल होते हैं. हम चाहते हैं कि अदालत हमारे अधिकारों की रक्षा करे.' इस पर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि 'आपके पक्ष को सभी अधिकार मिले हुए हैं. आप अगर चाहते हैं कि हम गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दें या संख्या सीमित कर दें तो फिलहाल ऐसा नहीं हो सकता.' हाईकोर्ट निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर भी सीधे तौर पर दखल नहीं देगी.


जनहित याचिका खारिज


हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आप जनहित याचिका यानी पीआईएल को वापस लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं. ऐसा नहीं होने पर हम मेरिट के आधार पर इस पर अपना फैसला सुनाएंगे. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने का फैसला लिया. जनहित याचिका को वापस लेने के आधार पर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.


बता दें कि इस जनहित याचिका पर आज सुबह 10;32 बजे चीफ जस्टिस कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी. इस जनहित याचिका में प्रमुख रूप से तीन मांगे की गई थीं. जिसमें ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जानें, निचली अदालत का फैसला आने तक परिसर को सील किए जाने और परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने का आदेश देने की गुहार लगाई गई थी. हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका वाराणसी की अदालत में मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह समेत कई अन्य लोगों ने दाखिल की थी.


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