UP News: यूपीपीसीएस 2021 (UPPCS 2021) की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे निरस्त करने के मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने माना कि यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन  (UP Public Service Commission) द्वारा जारी किया गया रिजल्ट पूरी तरह सही था. कोर्ट ने माना कि कमीशन ने आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन किया था.


हाई कोर्ट के फैसले से साफ हुआ रिजल्ट का रास्ता


हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कमीशन फाइनल रिजल्ट जारी कर सकेगा. यूपीपीसीएस 2021 की परीक्षा में इंटरव्यू की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. अंतिम नतीजे हाई कोर्ट में केस पेंडिंग होने की वजह से रोके गए थे. कमीशन के वकील अवनीश त्रिपाठी ने जानकारी दी कि चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 6 सितंबर को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कमीशन ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी. 


सैनिकों ने दायर की थी याचिका


सुनवाई के दौरान कमीशन ने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक ही पूर्व सैनिकों को आरक्षण दिया गया है. सिंगल बेंच ने पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम को पूर्व सैनिको को पांच फीसदी का लाभ न दिए जाने पर रद्द कर दिया था. जूनियर वारंट ऑफिसर सतीश चंद्र शुक्ला और तीन अन्य ने याचिका दाखिल कर पीसीएस-2021 की घोषित प्रारंभिक परीक्षा पणिाम को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि यूपी सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बावजूद पूर्व सैनिकों को इस भर्ती परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया गया. इसके बाद कोर्ट ने नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया था.


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