Lucknow Hotel Fire: होटल लेवाना सुइट्स अग्निकांड पर सरकार के जवाब से हाई कोर्ट नाखुश, भरी अदालत में फटकारा
UP News : हाई कोर्ट ने एलडीए को सर्वेक्षण के बाद एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि शहर में कितने भवन एलडीए के नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाए गए हैं.
लखनऊ: शहर के होटल लेवाना सुइट्स में लगी आग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार की खिंचाई की है. इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने सरकार की ओर से पेश जवाब को टरकाने वाला बताया. अदालत ने कहा कि एलडीए और आवास विकास जैसे प्राधिकरणों के विनियमन का काम राज्य सरकार का है जबकि यहां सरकार का काम हमें करना पड़ रहा है.सरकार की ओर से पेश सरकारी वकील की ओर से विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर अदालत ने यह टिप्पणी की.
अदालत ने क्या टिप्पणी की
इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने इस मामले को 'लेवाना सुइट्स होटल में आग की घटना' नाम से स्वतः संज्ञान लिया था.अदालत पूर्व में इस मामले में दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है. अदालत ने यूपी सरकार,लकनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और चीफ फायर आफिसर से विस्तृत जवाब मांगा था.गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से पेश मुख्य स्थायी अधिवक्त (द्वितीय) शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट में चीफ फायर आफिसर का हलफनामा पेश किया. इसमें एनओसी जारी की जाने की जानकारी थी.
हाई कोर्ट ने इस पर उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि हम जानना चाहते हैं कि फायर नार्म्स का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्या की गई.सिंह के जवाब से नाखुशी प्रकट करते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को तय की है.सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता एमएम पांडे,विनोद कुमार शाही और केपी त्रिपाठी उपस्थित थे.एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी भी इस दौरान अदालत में मौजूद थे.
खस्ताहाल इमारतों का ब्योरा मांगा
अदालत ने एलडीए को सर्वेक्षण के बाद एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि शहर में कितने भवन एलडीए के नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाए गए हैं. उन पर क्या कार्रवाई की गई है.कोर्ट ने इस मामले में आवास व शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव, नगर आयुक्त लखनऊ और आवास आयुक्त आवास विकास परिषद आदि को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की भी हुई खिंचाई
सुनवाई के दौरान एलडीए वीसी के लिए तब विकट स्थिति उत्पन्न हो गई जब वरिष्ठ अधिवक्ता असित चतुर्वेदी ने गोमती नगर स्थित एलडीए के पारिजात अपार्टमेंट में एक फ्लैट में आग लगाने का मामला उठाया.उन्होंने कहा कि उक्त अपार्टमेंट का निर्माण इस तरह हुआ है कि वहां आग लगाने के बाद फायर टेंडर के संचालन की ही जगह नहीं थी.कोर्ट ने इस पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि जब एलडीए के खुद के अपार्टमेंट का यह हाल है तो दूसरे निर्माणों का क्या होगा.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में स्थित होटल लेवाना सुइट्स में पांच सितंबर को भीषण आग लग गई थी. इसमें चार लोगों के मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे. .
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