Allahabad High Court: समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पूजा पाल को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने जबरन सड़क बनाने के मामले में फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने के बाद विधायक पूजा पाल व दो अन्य की पुनरीक्षण याचिका को अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दिया. इस मुकदमे में जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया. 


हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि 27 फरवरी के एसीजेएम के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. विवेचना में पूजा पाल व भाई राहुल पाल का नाम बाहर कर फाइनल रिपोर्ट लगा दिया है. इस मामले में केवल याची संख्या तीन श्रीकांत पाल के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की गई है. धारा 506 भारतीय दंड संहिता के तहत अदालत में 14 अगस्त 24 को चार्जशीट दाखिल की गई है.


कोर्ट ने खारिज की पुनरीक्षण याचिका


वकील ने कोर्ट में बताया कि इस मामले पर याची पूजा पाल के अधिवक्ता मिथिलेश कुमार तिवारी ने कहा याचिका अर्थहीन हो चुकी है. कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है. एसीजेएम प्रयागराज की अदालत में उमेश सिंह बनाम राहुल पाल व अन्य केस में पारित 27 फरवरी 24 के आदेश को रद्द करने की मांग में याचिका दायर की गई थी.


दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले धारा 156(3) के तहत उमेश सिंह ने अर्जी दाखिल कर सपा की पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल व डेवलपर श्रीकांत पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. जिसे एसीजेएम ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इन लोगों को पर मौजा शाहा पीपलगांव की जमीन से जुड़ा हुआ था. उन पर आरोप थी कि इस जमीन पर जबरन सड़क बनवाई गई. 


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