'दिनभर अदालत में बैठिए', हाईकोर्ट ने विशेष सचिव को अवमानना मामले में सुनाई अनोखी सजा
Prayagraj News: हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को शिक्षिका का वेतन जारी करने का आदेश दिया लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट ने विशेष सचिव को कोर्ट उठने तक हिरासत में लेने की सजा सुनाई.
Prayagraj News: इलाहाबाद हाई कोर्ट की अवमानना करना विशेष सचिव कल्याण विभाग रजनीश चंद्रा को भारी पड़ गया. कोर्ट ने इस मामले में विशेष सचिव को अदालत नहीं उठने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई और उनपर दो हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद विशेष सचिव रजनीश चंद्रा को तत्काल हिरासत में ले लिया गया और दिनभर जब तक जब तक कोर्ट की कार्रवाई चलती रही वो सजा के तौर पर हिरासत में रहे.
न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने याची सुमन देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. सुमन देवी फतेहपुर के डॉ बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक शिक्षिका है. ये विद्यालय समाज कल्याण विभाग के द्वारा संचालित होता है. याची ने अप्रैल 2022 को अवकाश प्राप्त किया था. बीच सत्र में सेवानिवृत्त होने के बाद उसने नियमानुसार सत्र का लाभ देने के लिए आवेदन किया लेकिन विभाग ने इनकार कर दिया.
अवमानना मामले में सुनाई सजा
विभाग की ओर से मनाही के बाद सुमन देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. हाईकोर्ट में याचिका लंबित रहने के दौरान समाज कल्याण विभाग की ओर से उन्हें सत्र लाभ दे दिया गया और स्कूल में ज्वाइन के निर्देश मिल गए. जिसके बाद याची ने 21 जनवरी 2023 को ज्वाइन कर लिया. लेकिन उसके अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक के वेतन का भुगतान नहीं किया गया.
हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को शिक्षिका का वेतन जारी करने का आदेश दिया लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद विशेष सचिव रजनीश चंद्रा ने आदेश पारित करते हुए कहा कि क्योंकि याची ने इस दौरान कोई काम नहीं किया इसलिए वो वेतन की हकदार नहीं है. जिसके बाद याची ने हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना को लेकर फिर याचिका दी. कोर्ट ने भी इसे अवमानना मानते हुए विशेष सचिव को तलब कर लिया.
कोर्ट के नोटिस के बाद रजनीश चंद्रा ने अपने हलफनामे में माफी मांगते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है. लेकिन कोर्ट उनके स्पष्टीकरण से सहमत नहीं थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अदालत उठने तक हिरासत में लिए जाने की सजा सुनाई.
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