Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी सोमवार को तीन अहम मामलों में सुनवाई होगी. कोर्ट ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. साथ ही मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर निर्माण को लेकर सरकार और मंदिर प्रबंधन के बीच चल रही तकरार पर सुनवाई होगी. वहीं पूर्वांचल के माफिया डान बृजेश सिंह के खिलाफ दाखिल अर्जी पर भी आज सुनवाई होगी.
ASI के सर्वेक्षण आदेश को चुनौती
वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में दोपहर बाद सुनवाई होने की उम्मीद है. ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है. इनमें से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं.
1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंप जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. यह मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था. हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं.
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई करेगी. अदालत ने पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था. मुस्लिम पक्ष ने तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद फिर से सुनवाई किए जाने के फैसले पर ऐतराज जताया था.
बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर मामले में सुनवाई
इसके अलावा मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में कोर्ट आज सुनवाई करेगा. आज की सुनवाई में भी यूपी सरकार और मंदिर की कमेटी की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी. जिसमें कोर्ट को यह तय करना है कि कॉरिडोर का निर्माण सरकार के पैसे से होगा या फिर मंदिर के चढ़ावे और चंदे की रकम से होगा.
सरकार मंदिर के चढ़ावे व चंदे की रकम से कॉरिडोर का निर्माण कराना चाहती है. जिसका मंदिर में पूजा कराने वाले सेवायत यानी पुजारी विरोध कर रहे हैं. सरकार की दलील है कि यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. सरकार मंदिर के मैनेजमेंट में किसी तरह का दखल नहीं देना चाहती है. मंदिर से जुड़े सभी अधिकार लोगों को पहले की तरह ही मिलते रहेंगे. दूसरी तरफ तरफ मंदिर से जुड़े लोग कॉरिडोर को सरकार की दखलअंदाजी का हिस्सा बता रहे हैं.
चंदौली नरसंहार मामले में सुनवाई आज
वहीं, पूर्वांचल के माफिया डान व पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के खिलाफ दाखिल अर्जी पर भी आज सुनवाई होगी. चंदौली जिले में 37 साल पहले हुए नरसंहार मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. आज होने वाली सुनवाई में याची अधिवक्ता की ओर से ट्रायल कोर्ट में हुए साक्ष्य को सिलसिलेवार ढंग से पढ़ा जाएगा. पिछली सुनवाई पर याची अधिवक्ता की बहस पूरी नहीं हुई थी. याची की ओर से गवाही पढ़े जाने के बाद माफिया बृजेश सिंह के अधिवक्ता जवाब देंगे. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस अजय भनोट की डिवीजन बेंच सुनवाई कर रही है
दरअसल चंदौली जिले में 37 साल पहले हुए सामूहिक नरसंहार में माफिया ब्रजेश सिंह पर 7 लोगों की हत्या का आरोप लगा था. ट्रायल कोर्ट और सेशन कोर्ट बृजेश सिंह को 2018 में बरी कर चुकी हैं. सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हीरावती नाम की महिला ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. हीरावती के पति, दो देवर और चार मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. अपील में पीड़िता ने जिला कोर्ट वाराणसी के फैसले को चुनौती दी है. जिला कोर्ट ने 2018 में दिए गए अपने फैसले में सभी 13 आरोपियों को गवाहों के बयान में भिन्नता होने के कारण बरी कर दिया था.
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