Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट (Jauhar Trust) मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की और से हाईकोर्ट में दलीलें पेश की गईं. वहीं दूसरी तरफ मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के वकीलों ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा और सरकार द्वारा लीज खत्म किए जाने के फैसले को गलत बताया. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.
इलाहबाद हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डबल बेंच में जौहर यूनिवर्सिटी मामले पर सुनवाई हुई, इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्र ने सरकार पक्ष रखा तो वहीं आजम खान के वकील ने सरकार के द्वारा ट्रस्ट की लीज समाप्त किए जाने के फैसले को गलत बताया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनी, हालांकि बुधवार को इस मामले पर पूरी बहस नहीं हो पाई, जिसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख तय कर दी.
लीज रद्द करने के फैसले को चुनौती
मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गई जमीन की लीज यूपी सरकार ने रद्द कर दी है, जिसके बाद आजम खान की ओर से यूपी सरकार द्वारा ट्रस्ट को दी गई जमीन की लीज को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर तय की है, दोपहर दो बजे इसपर सुनवाई होगी.
बता दें कि सपा के दिग्गज नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को यूपी सरकार ने जमीन लीज पर दी थी. सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ट्रस्ट की इस जमीन की लीज को खत्म कर दिया है. जिसके बाद मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. जौहर ट्रस्ट ने यूपी सरकार की तरफ से यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज को रद्द करने के लिए चुनौती दी है.