गाजीपुर सीट पर सपा नहीं निर्दल प्रत्याशी करेगा BJP का मुकाबला? आज हो जाएगा फैसला!
गाजीपुर लोकसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है. माना जा रहा है कि इस सीट पर बीजेपी का मुकाबला नहीं सपा नहीं बल्कि निर्दल प्रत्याशी से हो सकता है.

Allahabad High Court: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की चुनावी तकदीर का फैसला आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगा. आज यह तय हो सकता है कि गाज़ीपुर सीट से खुद अफजाल अंसारी ही चुनाव लड़ेंगे या फिर वह वोटरों से अपनी जगह बेटी नुसरत अंसारी को वोट देने की अपील करेंगे. नुसरत अंसारी अपने पिता अफजाल अंसारी की सीट गाजीपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा रही हैं.
अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली चार साल की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होगी. आज की सुनवाई में सबसे पहले अफजाल अंसारी की बची हुई दलीलें पेश की जाएंगी. इसके बाद यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष रखा जाएगा. सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में होगी. सुनवाई पूरी होने पर अदालत आज ही अपना फैसला भी सुना सकती है या फिर जजमेंट रिजर्व हो सकता है.
हाईकोर्ट का फैसला तय करेगा अफजाल का भविष्य
अफजाल अंसारी को अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है और उनकी सजा रद्द नहीं होती है तो वह खुद को गाज़ीपुर सीट से पर हो रहे चुनाव से अलग कर लेंगे और जनता से बेटी नुसरत अंसारी को वोट देने के लिए कहेंगे. बेटी नुसरत अंसारी गाजीपुर सीट से ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में है. उनका चुनाव निशान छड़ी है. हालांकि गाज़ीपुर सीट पर नाम वापस लेने की समय सीमा खत्म हो चुकी है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार अफजाल अंसारी ही रहेंगे लेकिन उनका परिवार और गठबंधन के नेता वोटरों से बेटी नुसरत अंसारी को वोट देने की अपील करेंगे लेकिन अगर उनकी सजा रद्द हो जाती है तो वह चुनावी मैदान में बने रहेंगे. अफजाल अंसारी की चुनावी तकदीर का फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर ही निर्भर है. अफजाल अंसारी रविवार को केस से जुड़े अपने वकीलों से राय मशविरा करने के लिए प्रयागराज आए हुए थे.
अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में पिछले हफ्ते भी सुनवाई हो चुकी है. 13 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट में अफजाल अंसारी का ही पक्ष रखा गया था. अफजाल अंसारी की तरफ से दलील दी गई थी कि उनके खिलाफ बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के मर्डर के जिस केस को आधार बनाकर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी उस मूल मुकदमे में वह ट्रायल कोर्ट से बरी हो चुके हैं. ऐसे में गैंगस्टर मामले में भी उन्हें बरी कर दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि गाजीपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को अफजाल अंसारी को दोषी करार देते हुए उन्हें 4 साल की सजा सुनाई थी. सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी. गाज़ीपुर कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को जमानत तो दे दी थी, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल की सजा पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून तक डिसाइड करने को कहा था. अफजाल अंसारी की याचिका में सजा को रद्द किए जाने की अपील की गई है जबकि यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार की अर्जियां में सजा को चार साल से बढ़कर 10 साल किए जाने की गुहार लगाई गई है. हाईकोर्ट में तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है.
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