Gyanvapi Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI)से कराए जाने की मांग को लेकर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में मंगलवार को अहम सुनवाई सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में याची राखी सिंह की ओर से पूरक हलफनामा दाखिल किया गया. याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने पूरक हलफनामा दाखिल किया.


जबकि विपक्षी संख्या 4 ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया. अब इस मामले पर 22 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई. याचिका में वजूखाने के सर्वेक्षण को विवादित परिसर का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए बेहद जरूरी बताया गया है. कहा गया है कि शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने खाने के बाकी हिस्से का भी सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए.


वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराने की मांग
दलील दी गई है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. उस याचिका में शिवलिंग का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई थी. जबकि राखी सिंह की इस याचिका में शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. आपको बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई ​​​​​​) से कराने के लिए याचिका दाखिल है. इससे पहले 3 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई थी. मगर हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष पेश नहीं हुआ और सुनवाई टल गई.


शिवलिंग मिलने के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया था, दो साल से वजू खाना सील है. मुस्लिम पक्ष इस संरचना को फव्वारा बता रहा है जबकि हिंदू पक्ष की तरफ से उसके शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है. इससे पहले ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे हुआ था लेकिन वजूखाने का सर्वे नहीं हुआ था. कोर्ट के आदेश पर ये हिस्सा सील बंद हैं.


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