Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर के मंदिर-मस्जिद का विवाद भी अब इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया है. यहां की अटाला मस्जिद मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9 दिसंबर को सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता का दावा है कि यह मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. 


दरअसल, स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने इसी साल जौनपुर जिला कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दावा किया था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था. इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने कराया था.


हाई कोर्ट को मुख्य रूप से यह तय करना है कि जौनपुर की अदालत में मस्जिद को मंदिर बताकर वहां पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल किए गए मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं. अदालत को मुकदमे की योग्यता पर अपना फैसला देना है. हाई कोर्ट में याचिका अटाला मस्जिद के वक्फ की तरफ से दाखिल की गई है.


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मुस्लिम पक्ष ने दी चुनौती
जौनपुर की अदालत में वादी पक्ष की पैरवी कर रहे अधिवक्ता राम सिंह ने बताया कि सिविल जज ने 31 मई 2024 को एक आदेश पारित किया. उसी आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने जिला जज की निगरानी दाखिल की. अगस्त में वह खारिज हो गई. इसको अब मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिसकी सुनवाई 9 दिसम्बर को होगी. जिला अदालत में स्वराज वाहिनी के मुखिया संतोष मिश्रा वादी हैं जबकि वक्फ बोर्ड कमेटी को पक्षकार बनाया गया है.


जिला जज ने इसी साल 12 अगस्त को आदेश जारी कर जौनपुर की जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे की विचारनीयता को मंजूरी दे दी थी. जिला जज ने अपने फैसले में कहा था कि स्वराज वाहिनी एसोसिएशन का मुकदमा चलता रहेगा. अब मस्जिद पक्ष का दावा है कि कुछ ऑनलाइन दस्तावेज के आधार पर मुकदमा किया गया है, जबकि मस्जिद होने के सारे दस्तावेज मौजूद हैं.