Uttar Pradesh News: प्रयागराज में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों के शामिल होने पर सियासी पारा हाई हो गया है. इलाहाबाद हाकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के जरिये कार्यक्रम में दिए गए बयान पर सपा, कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
जस्टिस शेखर यादव को लेकर चल रहे विवाद पर सपा प्रवक्ता फखरुल चांद का बड़ा बयान सामने आया है. फखरुल चांद ने कहा कि किसी न्यायधीश के एक संगठन के कार्यक्रम में जाने और राजनीति टिप्पणी करने को लेकर समाजवादी पार्टी को कोई टिप्पणी नहीं करनी है, देश के लोगों को संविधान और न्यायपालिका में भरोसा है.
सपा प्रवक्ता ने क्या कहा?
सपा प्रवक्ता फखरुल चांद ने आगे कहा, "जब किसी के साथ अन्याय होता है तो वे कहता कि मैं न्याय के लिए न्यायपालिका जाऊंगा. ये लोगों का भरोसा है देश के संविधान और न्यायपालिका में." उन्होंने कहा, "लोगों का संविधान और न्यायपालिका में भरोसा बने रहे, इसलिए जिनके पास पद है, उन्हें अपने पद की गरिमा जरूर बनाए रखनी चाहिए."
'इमरजेंसी की मानसिकता से ग्रसित'
जस्टिस शेखर यादव पर कांग्रेस प्रवक्ता शाहनवाज आलम के द्वारा की गई टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस इमरजेंसी की मानसिकता से ग्रसित है. जिस प्रकार से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कार्यपालिका, न्यायपालिका समेत लोकतंत्र के सभी स्तंभों पर नियंत्रण करने का प्रयास किया था, उसी मानसिकता के दौर से आज भी कांग्रेस गुजर रही है."
'कांग्रेस नेता ने की है अवमानना'
बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आरोप लगाया कि न्यायालय के जरिये दिया गया कोई भी ऐसा फैसला या किसी न्यायाधीश की कोई टिप्पणी जो कांग्रेस के अनुकूल न हो, ऐसे में उसके लिए कांग्रेस न्यायाधीश और न्यायालय के अवमानना पर उतारू हो जाती है.
कांग्रेस प्रवक्ता पर निशाना साधते हुए मनीष शुक्ला ने कहा कहा, "न्यायाधीश का क्या आचरण होना चाहिए, उन्हें कहां जाना चाहिए, इसकी एक वृहत प्रक्रिया है." उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने न्यायालय की अवमानन की है."