यशवंत वर्मा के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील भड़के, कहा- हमें सुप्रीम कोर्ट को आईना दिखाना पड़ेगा
Allahabad High Court News: कैश कांड में फंसे दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्पष्ट विरोध किया है.

Yashwant Verma News: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने स्पष्ट विरोध किया है.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सुबह 10:00 बजे से हाई कोर्ट के गेट नंबर 3 से विरोध प्रदर्शन शुरू करेगा. हाईकोर्ट बार ने आर पार की लड़ाई का ऐलान किया है. बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट अनिल तिवारी ने मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. बार एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल तिवारी के आवास पर हुई कार्यकारिणी की बैठक के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया. उन्होंने सीजेआई से मामले का संज्ञान लेकर तबादला करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. कार्यकारिणी की इमरजेंसी बैठक में सभी सदस्य मौजूद रहे.
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क्या-क्या बोले अनिल तिवारी?
अनिल तिवारी ने सख्त लहजे में कहा कि ये समय आ चुका है कि हमें सुप्रीम कोर्ट को आईना दिखाना पड़ेगा कि आप हमसे अलग नहीं हैं. आज अगर सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर यह व्यू लिया है तो कल को सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान की तरह पूरी गवर्नमेंट को ओवररूल कर के खुद सरकार बना लेगी.
उन्होंने कहा कि इस मामले में शुरू से लीपापोती की जा रही है. मैं पूरे हिन्दुस्तान को बताना चाहता हूं कि हम कल से काम नहीं करेंगे. हम सीना खोल कर खड़े हैं. न्यायपालिका बचाने के लिए प्राण देना होगा तो हम देंगे. अब न्यायपालिका में काम तभी होगा जब सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का फैसला वापस होगा.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही सर्वोपरि है लेकिन यह बच्चों वाली जिद है. एक जज को बचाने के लिए पूरे हिन्दुस्तान की डेमोक्रेसी को दांव पर लगाया जा रहा है. हमारी सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप करे और मिल कर इसका समाधान निकाले.
महासचिव ने कहा- क्या भ्रष्टाचार के आरोपी को इलाहाबाद भेजना उचित?
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विक्रांत पांडेय ने कहा कि हम लोगों ने जनरल हाउस बुलाया था. इसमें यह प्रस्ताव पास हुआ कि अगर जस्टिस वर्मा को यहां भेजा जाएगा तो यह उचित नहीं होगा. हमारे प्रस्ताव के बाद खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर अपनी मुहर लगा दी है. हम सरकार से मांग करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप करे. हमारा सिर्फ एक प्रश्न है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपी जज को दिल्ली नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट में रखा जाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने आज यही साबित करने की कोशिश की है.
पांडेय ने कहा कि हमें समाज के सभी वर्गों से समर्थन मिला है. हम लोगों ने बेमियादी हड़ताल का फैसला मजबूरी में लिया है. आखिर हमारे यहां ही क्यों? आखिर वो वहां भी जज रहेंगे और वहां भी रहेंगे. आप उनको दिल्ली में ही रहने देते. आप उनको पैरेंट हाईकोर्ट में भेज कर उनको इनाम दे रहे हैं. हम बिल्कुल काम नहीं करेंगे. हम भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीछे हटने वाले नहीं हैं.
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