Prayagraj News: यूपी की राजधानी लखनऊ के बाद अब संगम नगरी प्रयागराज में भी महिला से सरेआम बदसलूकी का मामला सामने आया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी की पत्नी से एक वकील ने ही हाईकोर्ट के बाहर बदसलूकी की है. वकील ने मामूली विवाद में महिला के साथ सरेआम धक्का मुक्की की और उसका दुपट्टा खींचने की कोशिश की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है. 


वायरल वीडियो के आधार पर प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है तो वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस मामले में वकील का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. यह घटना शुक्रवार दोपहर की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट नंबर 8 पर एक वकील की कार से महिला की स्कूटी टच होने के बाद कहासुनी हुई. महिला अपने पति को स्कूटी से हाईकोर्ट छोड़ने आई थी.वकील ने महिला के साथ मारपीट की और सरेआम उसका दुपट्टा खींचने की कोशिश की. महिला की स्कूटी नीचे गिर गई और हाथ से मोबाइल भी छूट कर नीचे गिर गया.


हाईकोर्ट में वकालत करता है आरोपी वकील
आरोपी वकील की पहचान राम बहादुर गुप्ता के तौर पर हुई है. वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही वकालत करता है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में उसका रजिस्ट्रेशन नंबर  A/R 0832/2022 है. घटना के समय उसके पिता अनंत राम गुप्ता भी वहां मौजूद थे. अनंत राम गुप्ता भी हाईकोर्ट में वकालत करते हैं. वकील द्वारा सैकड़ों की भीड़ के बीच सरेआम महिला का दुपट्टा खींचे जाने, उसके साथ धक्का मुक्की करने और गाली गलौज हुआ बदसलूकी करने की घटना से हड़कंप मच गया था. कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था.  


वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
वकील द्वारा महिला का दुपट्टा खींचने और मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो को एक्स हैंडल पर भी यूपी पुलिस, सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी सरकार और सीएम ऑफिस को पोस्ट किया गया है, जिसके जवाब में डीसीपी सिटी ने कैंट थाना पुलिस को जांच कार्रवाई का निर्देश दिया है. प्रयागराज पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर अपनी तफ्तीश कर रही है.हाईकोर्ट के मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी मामले में कड़ी नाराजगी जताई है. 


वकील को नोटिस हुआ जारी
 अनिल तिवारी के मुताबिक वायरल वीडियो और ऑफिसर्स एसोसिएशन के पत्र के आधार पर आरोपी वकील को नोटिस जारी कर दिया गया है. नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब देने को कहा गया है. संतोषजनक जवाब नहीं देने पर आरोपी वकील के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी . हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा. उसे हमेशा के लिए डिबार करा दिया जाएगा और उसका एडवोकेट रोल कैंसिल कराया जाएगा. इसके अलावा यूपी बार काउंसिल से भी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी. 6 अगस्त तक संतोषजनक जवाब नहीं आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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