Prayagraj News: जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के बैंक खाते सीज किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के जिला सहकारी बैंक को छह हफ्ते में फैसला लेने का आदेश दिया है. अदालत ने जिला सहकारी बैंक को छह हफ्ते का समय दूसरी बार दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि जिला सहकारी बैंक को अपने फैसले की जानकारी जौहर ट्रस्ट को भी देनी होगी.


जस्टिस विकास बुधवार की सिंगल बेंच ने यह आदेश जौहर ट्रस्ट द्वारा दाखिल की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि वह इस बारे में जिला सहकारी बैंक को नोटिस जारी करने के बजाय उसे पिछले साल दिसंबर महीने में दिए गए आदेश का अनुपालन करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दे रहा है. अगर बैंक इन 6 हफ्तों में भी आदेश का अनुपालन नहीं करती है तो ट्रस्ट को दोबारा अवमानना याचिका दाखिल करने की छूट रहेगी.


बैंक ने किया था लाखों रुपए के ब्याज का भुगतान
गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान के जौहर ट्रस्ट ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में संचालित हो रही जिला सहकारी बैंक की शाखा में कई अकाउंट खोल रखे थे. सहकारी बैंक ने ट्रस्ट के इन बैंक अकाउंट को बचत खाता मानते हुए लाखों रुपए के ब्याज का भुगतान किया था. जबकि नियम के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता था. इस पर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी. जांच में आरोप सही पाए जाने पर बैंक के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी. 


बैंक ने सीज किया था अकाउंट 
मामले का खुलासा होने पर जिला सहकारी बैंक ने आजम खान के ट्रस्ट के बैंक खातों को सीज कर दिया था. बैंक के इस फैसले को पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुनौती दी गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर महीने में बैंक को यह आदेश दिया था कि वह जौहर ट्रस्ट के पक्ष को सुनकर नए सिरे से फैसला ले. बैंक द्वारा कोई फैसला नहीं लिए जाने पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया है.


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