Allahabad HC: भगवान शिव पर अपमानजनक टिप्पणी पड़ी भारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत देने से किया इंकार
UP News: सोशल मीडिया पर भगवान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को राहत देने से इंकार कर दिया है. मामला साल 2022 अलीगढ़ का है.
Aligarh News: सोशल मीडिया पर भगवान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी ओवैस खान को राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची की तरफ से जानबूझकर धार्मिक अपमान किया गया है लिहाजा आपराधिक मामले को रद्द नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, अभिव्यक्ति की आजादी को दूसरों की भावनाओं और विश्वासों के सम्मान से परे नहीं किया जा सकता है. जस्टिस प्रशांत कुमार की सिंगल बेंच ने आदेश दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओवैस खान की याचिका खारिज करते हुए कहा कि, विभिन्न समुदायों की धार्मिक मान्यताओं के प्रति सम्मान बनाए रखना सबका कर्तव्य है. इस तरह के आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. अदालतें नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को अधिक महत्व देती हैं. ऐसी भावनाओं को अपमानित करने का कार्य सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के साथ बहुलवादी समाज के पोषित मूल्यों का गंभीर अपमान है
दो साल पुराना है मामला
अदालत ने कहा कि यह लोकतंत्र की भावना को भी कमजोर करता है. याची पर भगवान शिव के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत टिप्पणी कर वायरल करने का आरोप है. उसके खिलाफ अलीगढ़ के छर्रा थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा छह के तहत एफआईआर दर्ज है. पुलिस ने जांच कर दो सितंबर 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था.
ट्रायल कोर्ट ने समन जारी किया तो याची ने उसे रद्द की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. याची की ओर से कहा गया कि उसे झूठा फंसाया गया है. उसने स्वयं ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है और सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर ऐसा किया गया है. सरकारी अधिवक्ता ने इसका विरोध किया और कहा कि याची की ओर से जानबूझकर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया कृत्य है. कोर्ट ने तथ्यों और रिकार्ड्स को देखते हुए याचिका खारिज कर दी.
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