Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पेंशन के लेकर अहम निर्णय लिया है, कोर्ट ने कहा है कि नई पेंशन स्कीम लागू करने से पहले जारी विज्ञापन के तहत चयनित सहायक शिक्षकों को समान्य भविष्य निधि पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया है, कहा गया था कि सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां न्यू पेंशन स्कीम लागू होनें बाद की गयी हैं, जिस वहज से वे न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे.


कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 1 ऑफ 2002 दिया हवाला
यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बधवार ने नंदलाल यादव समेत कई लोगों की रिट याचिकाओं पर दिया है. कोर्ट ने याचिकाओं को मंजूर करते हुए कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 1 ऑफ 2002 के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त अध्यापक याचियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है. 


कोर्ट ने खारिज की सरकार की याचिका
सरकार का कहना था कि याचिकाकर्ता नई पेंशन स्कीम के तहत आते हैं, जिस पर याचिकाकर्ता नंदलाल समेत कई शिक्षकों ने सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती थी. चयनित सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले ही कर दी गई थी, जबकि याचीगण को विभाग की गलती की वजह से ज्वाइन नहीं कराया गया था, जस्टिस विकास बुधवार की सिंगल बेंच ने दिया आदेश.नई पेंशन स्कीम लागू के बाद नियुक्तियां किये जाने के मामले में कोर्ट ने सरकार की दलील को गलत बताया है.


ये था मामला 
दरअसल विज्ञापन संख्या 1 ऑफ 2002 में सहायक शिक्षकों की भर्ती निकली थी. जिसमें पात्र चयनित अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 29 नवंबर 2004 को हुआ था. 24 दिसंबर 2004 को परिणाम घोषित कर दिया था. 1 अप्रैल 2005 के बाद चयनित शिक्षकों को जॉइनिंग लेटर देकर नियुक्त करवा लिया गया.


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