(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: इलाहाबाद HC का एमपी एमएलए कोर्ट को आदेश, माननीयों के लंबित मुकदमों का जल्द करें निपटारा
Prayagraj News: हाईकोर्ट ने मौत, उम्रकैद और पांच साल से अधिक की सजा के आपराधिक मामलों को सुनवाई में वरीयता देने का निर्देश दिया. विशेष अदालतें हर महीने प्रोग्रेस डाटा चार्ट बनाने का काम भी जारी रखें.
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष अदालतों में माननीयों के लंबित मुकदमों को त्वरित निस्तारण का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि फांसी, उम्रकैद और पांच वर्ष से अधिक दंड वाले आपराधिक मामलों को प्राथमिकता के आधार पर तय किए जाएं. प्रदेश की विशेष अदालतें हर महीने प्रोग्रेस डाटा चार्ट बनाने का काम भी जारी रखें. हाईकोर्ट या सत्र अदालत से ट्रायल पर रोक का मंथली रिपोर्ट में महानिबंधक की तरफ से जिक्र किया जाये. ताकि ऐसे मुकदमे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर अवरोध हटाया जा सके. इसके साथ ही मजिस्ट्रेट की विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ यदि सत्र अदालत में अपील या पुनरीक्षण अर्जी लंबित है तो जल्द सुनवाई कर तय करने का भी हाईकोर्ट ने निर्देश दिया.
हाईकोर्ट का विशेष अदालतों को अहम निर्देश
हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को सभी एमपी-एमएलए विशेष अदालतों से कहा कि मुकदमों के त्वरित निस्तारण की तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराई जाए. हाईकोर्ट के अनुमोदन की जरूरत होने पर सूचित किया जाये ताकि हल प्रशासनिक तौर पर किया जा सके. अदालत ने महाधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता से सहयोग भी मांगा है. एक्टिंग चीफ जस्टिस एम के गुप्ता और जस्टिस समित गोपाल की डिवीजन बेंच अश्वनी उपाध्याय केस में सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर 23 को दिये गए आदेश के अनुक्रम में स्वत: कायम जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट याचिका के माध्यम से मौजूदा और पूर्व सांसदों-विधायकों के खिलाफ विचाराधीन आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालतों की मॉनिटरिंग करेगी.
माननीयों के लंबित मुकदमों को जल्द तय करें
अदालत को बताया गया कि इसी मामले में पहले ही एक जनहित याचिका विचाराधीन है जिसमें समय समय पर निर्देश जारी किए गए हैं. दोनों याचिकाओं की अब एक साथ सुनवाई होगी. प्रदेश में सत्र अदालत और मजिस्ट्रेट स्तर की अलग अलग विशेष अदालतें सांसदों-विधायकों के मुकदमों की सुनवाई कर रही हैं. हर माह प्रगति रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी जाती है. प्रगति रिपोर्ट में केसों का जिक्र भी होता है जिनके कारण ट्रायल रूका हुआ है. हाईकोर्ट ने मौत, उम्रकैद और पांच साल से अधिक की सजा के आपराधिक मामलों को सुनवाई में वरीयता देने का निर्देश दिया. कहा गया कि अपरिहार्य परिस्थितियों के अलावा सुनवाई अनावश्यक रूप में स्थगित न की जाये. हाईकोर्ट ने जानकारी वेबसाइट पर अपडेट करते रहने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी 24 को होगी.
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