UP Panchayat elections: इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, 30 अप्रैल तक पूरी हो चुनावी प्रक्रिया
यूपी में पंचायत चुनावों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक यूपी में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया 17 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक कराएं जाएंगे.
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का रास्ता साफ हो गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 30 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर लेने का आदेश दिया है. हालांकि, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को थोड़ी राहत देते हुए चुने हुए प्रतिनिधियों की जगह प्रशासक नियुक्त किए जाने के उसके फैसले पर मुहर लगा दी है.
17 मार्च तक पूरी होगी सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया अदालत की तरफ से सुनाए गए फैसले के मुताबिक यूपी में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया 17 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक कराएं जाएंगे, जबकि, ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव 15 मई तक कराने होंगे. ये आदेश जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस आरआर अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने हाथरस के जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है.
पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है याचिका में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के मूड में नहीं है. चुनाव प्रक्रिया शुरू कराए जाने के बजाय चुने हुए प्रतिनिधियों के काम पर रोक लगाकर उनकी जगह प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं. ये संविधान के खिलाफ है और आर्टिकल 243 का उल्लंघन है. चुनाव को ना तो टाला जा सकता है और ना ही प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं.
कोरोना की वजह से नहीं हो सके चुनाव यूपी सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह और एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कहा कि सरकार की चुनाव टालने की कोई मंशा नहीं है. कोरोना की महामारी के चलते चुनाव नहीं कराए जा सके. सरकार जल्द चुनाव कराना चाहती है. सरकार की तरफ से ये भी कहा गया इस बार शहरी क्षेत्र बढ़ने और पंचायतों का क्षेत्र घटने की वजह से नए सिरे से परिसीमन करना पड़ा है. नए परिसीमन के चलते आरक्षण में भी दिक्कतें आ रही हैं. याचिकाकर्ता विनोद उपाध्याय ने प्रशासक नियुक्त किए जाने के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की बात कही है.
प्रशासक नियुक्ति पर नहीं दिया दखल अदालत ने चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने का आदेश दिया. सीटों के आरक्षण का काम 17 मार्च तक पूरा करने को कहा. बीडीसी - ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों के त्रिस्तरीय चुनाव 30 अप्रैल तक कराने को कहा. ये तीनों चुनाव वोटिंग के जरिए होते हैं. अदालत ने इसके साथ ही ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव 15 मई तक कराने के आदेश दिए. हालांकि, अदालत ने चुने हुए प्रतिनिधियों की जगह यूपी सरकार की तरफ से प्रशासक नियुक्त किए जाने के मामले में कोई दखल नहीं दिया.
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