UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, दिव्यांग बेटे के लिए हेड कांस्टेबल के तबादले पर लगाई रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटे की विकलांगता के चलते हेड कांस्टेबल के तबादले पर रोक लगा दी है और सरकारी वकील से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है कि स्थिति को जानते हुए भी कैसे उसका तबादला किया गया.
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटे की विकलांगता 80 प्रतिशत से अधिक होने के आधार पर पिता हेड कांस्टेबल के तबादले पर रोक लगा दी है. याची हेड कांस्टेबल का तबादला वाराणसी से गाजीपुर कर दिया गया था. इसको लेकर हेड कांस्टेबल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा ने हेड कांस्टेबल संतोष कुमार सिंह की याचिका पर ये आदेश सुनाया. याची का 19 मार्च 2020 को गाजीपुर ट्रांसफर कर दिया गया था. 12 मई 2020 को उन्हें रिलीव होने को कहा गया और उसी दिन प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते तबादलों पर रोक लगा दी थीं.
याची का बेटा विकलांग है
ट्रांसफर को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने कहा कि याची का बेटा विकलांग है. कहा गया था कि शासनादेश के अनुसार यदि लड़का या आश्रित विकलांगता से प्रभावित है, तो उसे सामान्य स्थानान्तरण से मुक्त रखा जाए. अधिवक्ता का कहना था कि ऐसी स्थिति में केवल गंभीर शिकायतों अथवा अपरिहार्य कारणों से ही तबादला हो सकता है. याची की पत्नी भी वाराणसी में ही सरकारी नौकरी में हैं.
कोर्ट ने सरकारी वकील से तीन सप्ताह में मांगा जवाब
ट्रांसफर पर रोक लगाने का आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने सरकारी वकील से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है कि वह बताएं कि जब याची का बेटा विकलांग है और पत्नी सरकारी नौकरी में हैं, तो कैसे उसका तबादला किया गया. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 5 सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया. इस बीच कोर्ट ने कहा है कि याची जहां तैनात है, वहीं काम करता रहेगा.
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