Basti News Today: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पासपोर्ट रिन्यू कराने को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद उन लोगों को फायदा मिलेगा, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने पर पासपोर्ट बनने की कार्रवाई रुक जाती है.  


दरअसल, बस्ती जिले के निवासी गोला पाण्डेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों से उनके पासपोर्ट के नवीनीकरण कराने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामले में अगर फैसला विचाराधीन है तो पासपोर्ट के नवीनीकरण को नहीं रोका जा सकता है.


रिन्यू ना होने पर डाली याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पासपोर्ट नवीनीकरण को लेकर तल्ख टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है तो पासपोर्ट को रिन्यू कराने से रोका नहीं जा सकता है. ऐसे में कोर्ट ने पासपोर्ट अधिकारी को पासपोर्ट के नवीनीकरण करने के निर्देश दिए.


बस्ती के रहने वाले गोला पाण्डेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने पासपोर्ट रिन्यू ना होने पर संबंधित अधिकारी से निर्णय लेने की मांग की है. याची के खिलाफ नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज है. जिसकी वजह से उनका पासपोर्ट का रिन्यू नहीं किया जा रहा है. पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो चुकी है. 


कोर्ट ने क्या कहा?
इस संबंध में गोला पाण्डेय की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पासपोर्ट अधिकारी को रिन्यू को लेकर आदेशित किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने याची गोला पाण्डेय के अधिवक्ता के. एल. तिवारी की याचिका पर दिया है. 


भारत सरकार के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया. कोर्ट ने पवन कुमार राजभर बनाम भारत संघ केस का हवाला देते हुए कहा कि आपराधिक प्रक्रिया विचाराधीन होने पर पासपोर्ट के रिन्यू को रोका नहीं जा सकता है और याचिका को निस्तारित कर दिया है.


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