प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. कफील खान की रिहाई का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी हटाने की बात कही है. कफील खान पर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. उनपर रासुका के तहत मामला दर्ज है.


कफील को पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद फरवरी में उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी.


ऐसे चर्चा में आए थे कफील खान


उल्लेखनीय है कि डॉक्टर कफील खान अगस्त, 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के मामले के बाद चर्चा में आए थे. यहां कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई थी. तब कफील खान संबंधित वार्ड के नोडल ऑफिसर थे. हालांकि, बाद में इस मामले में उन्हें रिहा कर दिया गया.


कफील खान की मुंबई से हुई थी गिरफ्तारी


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं. इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी. लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा लिखा गया था. हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है, कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए. बता दें कि डॉक्टर कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद हैं. हाल ही में उनकी हिरासत को 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था. डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने और कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैड भी भेजा था.