Prayagraj. समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के करीबियों को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने आजम खान के ट्रस्ट से जुड़े 72 सदस्यों की याचिकाएं खारिज कर दी है. जौहर ट्रस्ट के इन 72 ट्रस्टियों के खिलाफ रामपुर में 27 मुकदमे दर्ज थे. ट्रस्टियों ने पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और अपने ऊपर लगे आरोपों को फर्जी व बेबुनियाद करार दिया था. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से चार्ज शीट रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी. 


अदालत ने लगाई मुहर


जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने आज अपना फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. अदालत ने जांच एजेंसी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में कोई कमी नहीं मानी. हाईकोर्ट द्वारा सभी याचिकाएं खारिज किए जाने से यह साफ हो गया है कि सरकारी अमले ने इस मामले में जो भी कार्यवाही की उस पर अदालत ने भी अपनी मुहर लगा दी है. आजम खान के करीबी पूर्व डिप्टी एसपी आले हसन व जकी उर रहमान समेत अन्य लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए थे.


जबरन जमीन कब्जाने का आरोप


गौरतलब है कि रामपुर के तमाम किसानों व राजस्व निरीक्षक ने सपा नेता व पूर्व मंत्री आजम खान व उनके करीबियों के खिलाफ रसूख का इस्तेमाल करते हुए जमीन को जबरन कब्जा करने व दबाव बनाकर उसे अपनी जौहर यूनिवर्सिटी के नाम ट्रांसफर कराने के मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी. साल 2019 और 2020 में आजम खान समेत उनके ट्रस्ट से जुड़े हुए 72 अन्य लोगों के खिलाफ रामपुर के अजीम नगर थाने में आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए थे. इन सभी मामलों में जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी. सबसे पहले आजम खान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी और उसके बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ. 


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निचली अदालत में ट्रायल से गुजरना होगा


चार्जशीट के खिलाफ आजम खान समेत बाकी सभी अन्य 72 आरोपी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट आए थे. आज़म की याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुके थीं. 72 अन्य आरोपियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने कई हफ्तों तक एक साथ सुनवाई की. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई पूरी होने के बाद इसी साल 5 सितंबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. अदालत ने इस मामले में आज दोपहर को अपना फैसला सुनाया और आजम खान के करीबियों व उनके ट्रस्ट के सदस्यों को कोई राहत नहीं दी. अदालत ने इन सभी की अर्जियों को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने से आजम खान के करीबियों को बड़ा झटका लगा है. इन सभी को अब निचली अदालत में ट्रायल से गुजरना होगा.


बयानों के आधार पर ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की


हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले में यूपी सरकार का पक्ष एडिशनल एडवोकेट जनरल महेश चंद्र चतुर्वेदी ने रखा. उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि पुलिस ने शिकायतों व तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई की है. जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों और बयानों के आधार पर ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. आरोपियों द्वारा लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं. एडिशनल एडवोकेट जनरल एमसी चतुर्वेदी ने अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश से यह साफ हो गया है कि सरकारी अमले ने रामपुर में जो कार्यवाही की है वह पूरी तरह सही व निष्पक्ष थी. सरकारी अमले के कदम पर हाईकोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है. 


 हालांकि सपा नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को आज ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक मामले में राहत भी मिली है. आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से खुदाई के दौरान मशीन मिलने के मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई थी, हाईकोर्ट ने उस मामले में आजम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कहा जा सकता है कि आजम को एक मामले में भले ही फौरी राहत मिल गई हो, लेकिन 27 आपराधिक मुकदमों में उनके 72 करीबियों को आज हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है.


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