Allahabad High Court: कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी को आज भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई फौरी राहत नहीं मिल सकी. इरफान सोलंकी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने आपत्ति दाखिल करने के लिए एक बार फिर मोहलत मांगी है. 


कोर्ट ने यूपी सरकार को न्याय हित में दस दिन में आपत्ति दाखिल करने की अंतिम मोहलत दी है. यूपी सरकार को 8 अगस्त से पहले आपत्ति दाखिल करनी होगी. हाईकोर्ट इस मामले में 8 अगस्त को सुनवाई करेगा. यूपी सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पी सी श्रीवास्तव ने पक्ष रखा. 


सजा को रद्द करने की लगाई है गुहार 


इरफान सोलंकी की ओर से सीनियर एडवोकेट गोपाल चतुर्वेदी और उपेंद्र उपाध्याय मौजूद रहे. इरफान सोलंकी ने 7 साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई. इरफान सोलंकी ने अपील में सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई है. इसके अलावा अदालत का फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत दिए जाने की भी मांग की गई है.


ऐसे में हो सकती है सदस्यता बहाल


हालांकि पिछली तीन तारीखों पर सुनवाई टलने से इरफान सोलंकी को बड़ा झटका लगा है. 7 साल की सजा होने की वजह से इरफान सोलंकी की विधानसभा की सदस्यता निरस्त हो चुकी है. सीसामऊ सीट पर जल्द ही उपचुनाव कराए जाने की तैयारी है. इरफान सोलंकी को अगर कोर्ट से राहत मिल जाती है और उनकी सजा पर रोक लग जाती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता फिर से बहाल हो जाएगी.


विधानसभा की सदस्यता बहाल होने की सूरत में इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. इरफान सोलंकी के साथ ही इस मामले में सजा पाने वाले उनके भाई रिजवान सोलंकी ने भी याचिका दाखिल कर रखी है. भाई रिजवान सोलंकी की याचिका में भी वही मांगे दोहराई गई हैं.


सात जून को कोर्ट ने सुनाई थी सजा 


इरफान सोलंकी और उनके भाई पर कानपुर की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा नाम की महिला के घर आगजनी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. कानपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इसी साल 7 जून को समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. यूपी की महाराजगंज जिला जेल में इरफान सोलंकी बंद हैं.


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