Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी (Gyanvapi) विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आज सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने आगे की सुनवाई दो दिनों के लिए टाल दी है. हाईकोर्ट में आज ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) की तरफ से 1991 के प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट की दलीलें देकर निचली अदालत के फैसले को रद्द किए जाने की अपील की गई है.


इस मामले में 7 दिसंबर को फिर सुनवाई होगी. 7 दिसंबर को सुबह 10 बजे से ही मामले की सुनवाई होगी.  जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है. इनमें से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई है. जबकि दो अर्जियां ASI के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ हैं.


विवादित परिसर हिन्दू पक्ष को सौंपने की मांग


ज्ञानवापी को लेकर 1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंप जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. यह मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था. हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं.


इस मामले में 1991 का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट लागू होगा या नहीं. मुस्लिम पक्ष की तरफ से अदालत में आज 1936 में हाईकोर्ट से डिसाइड हुए दीन मोहम्मद केस के फैसले को पढ़ा गया. तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद अदालत इस मामले में फिर से सुनवाई कर रही है. आज मुस्लिम पक्ष की तरफ से अदालत में 1936 में हाईकोर्ट से डिसाइड हुए दीन मोहम्मद केस के फैसले को पढ़ा गया. तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद अदालत इस मामले में फिर से सुनवाई कर रही है.