Prayagraj News: पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र (Vijay Mishra) भतीजे मनीष मिश्र (Manish Mishra) को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कुर्क मकान रिलीज करने की मांग में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. भदोही पुलिस (Bhadohi) ने गैंगस्टर (Gangster) के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो जून को लगभग 8 करोड का मकान कुर्क किया था, जिसके बाद अधिवक्ता रजनीश शुक्ल और विपिन शुक्ल की ओर से याचिका दाखिल की गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस याचिका पर आज जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस राजेंद्र कुमार चतुर्थ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनी, जिसके बाद मनीष मिश्र की याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि याची को नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट नहीं दी जा रही है.
याचिका में दी गईं ये दलीलें
याचिकाकर्ता और बाहुबली विजय मिश्र के भतीजे मनीष मिश्र की ओर से कहा गया है कि वो अल्लापुर स्थित मकान में किराएदार के तौर पर रहते थे, ये मकान उनकी पत्नी बिंदु मिश्रा के नाम पर है. मनीष मिश्र बाहुबली विजय मिश्र गैंग का सक्रिय सदस्य है, जिसकी वजह से उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की गई और इस मकान को कुर्क कर लिया गया. याची ने कहा कि इस मकान में उनका सामान भी रखा था जो कुर्की के साथ जब्त कर हो गया.
याची ने इससे पहले डीएम भदोही को इस मामले में प्रत्यावेदन दिया था, ताकि मकान के साथ जब्त हुआ उनका सामान दे दिजाय जाए, लेकिन सुनवाई की दौरान के दौरान डीएम ने उनका प्रत्यावेदन खारिज कर दिया था. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने डीएम भदोही के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी. याचिका का विरोध करते हुए अपर अधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने कहा कि सिविल कोर्ट से स्टे का आदेश कुर्की को बचाने के लिए लिया गया था. जबकि हकीकत ये है कि कुर्की की कार्रवाई 6 अप्रैल को शुरू हुई थी और कुर्की दिसंबर में की गई.
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