Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ से समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. रफीक ने कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती दी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने इस बार पर हैरानी जताई कि रफीक के खिलाफ सौ से ज्यादा गैरजमानती वारंट जारी किए गए लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. 


मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी कानूनी रूप से पिछले 26 सालों से फरार चल रहे हैं. साल 1997 से 2015 तक के बीच अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी होते रहे लेकिन आज किसी भी वारंट की तामील नहीं कराई गई और न ही वो कोर्ट में पेश हुए. लेकिन, अब गैर जमानती वारंट रद्द कराने हाई कोर्ट आ गए हैं. 


हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
हाईकोर्ट ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि एक विधानसभा सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने में राज्य मशीनरी और न्यायिक प्रक्रिया विफल हो गई. वारंट की तामील न होने और इस दौरान उसे विधानसभा सत्र में उपस्थित होने की इजाजत देना बेहद ख़तरनाक और गंभीर मिसाल पेश करेगा, जिससे क़ानून और अदालतों पर विश्वसनीयता कम होगी. 


कोर्ट ने कहा कि ये सही कि याची मेरठ से विधायक हैं लेकिन उसके खिलाफ मुक़दमा दर्ज होने के बाद पिछले 26 सालों में कोर्ट की ओर से कई गैर जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी किए. 2022 में भी ग़ैर जमानती वारंट और कुर्की की प्रक्रिया की गई लेकिन बावजूद इसके वो कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने उनकी याचिका को ख़ारिज करते हुए डीजीपी को निर्देश दिया को वो वारंट की तामील कराकर अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करें. 


दरअसल साल 1995 रफीक अंसारी समेत क़रीब 35-40 लोगों के खिलाफ मेरठ के नौचंदी थाने में आगजनी, तोड़फोड़ और बलवा मामले में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में 1997 में रफ़ीक अंसारी के खिलाफ ग़ैरज़मानती वारंट जारी किया गया है लेकिन वो पेश नहीं हुए. इस दौरान मुकदमे में 22 अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया गया और 1997 में मुकदमे पर विचार ख़त्म हो गया. लेकिन, रफ़ीक के खिलाफ वारंट जारी होते रहे. जिसके बाद रफीक ने अपने ऊपर दर्ज मुक़दमे की कार्रवाई को ख़त्म करने की मांग करके हुए हाईकोर्ट में याचिका दी और कहा कि मामले में 22 अभियुक्त बरी हो चुके हैं. जिस पर कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों के बरी होने से याचिकाकर्ता ने वैधानिक सहायता लेने की कोशिश नहीं की. 


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