प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिरोजाबाद के डाक्टर पंकज राकेश के विरूद्ध सीबीआई की पूरक चार्जशीट व विशेष अदालत गाजियाबाद से जारी सम्मन को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. याची डाक्टर पर अमनमणि त्रिपाठी की पत्नी सारा सिंह की दुर्घटना में मौत के मामले में मिलीभगत व षड्यंत्र कर झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने का आरोप है.
सीबीआई को सौंपी गई जांच
यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश की आपत्ति को सुनकर दिया है. आपको बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी पत्नी सारा सिंह के साथ सड़क मार्ग से लखनऊ से लद्दाख जा रहे थे. सिरसागंज पेगू चौराहे पर एक बच्चे को बचाने के लिए अचानक कार में ब्रेक लगाये तो गाड़ी तीन पलटी खाते हुए खेत में जा गिरी. घायल सारा सिंह को फिरोजाबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गयी. 18 जुलाई 2015 को दर्ज एफआईआर की जांच 14 अक्टूबर को सीबीआई को सौंप दी गयी.
स्वीपर की मदद से किया पोस्टमॉर्टम
सीबीआई ने अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ हत्या के षडयंत्र के आरोप में चार्जशीट दाखिल की. विवेचना के दौरान पता चला कि याची डाक्टर ने स्वीपर की मदद से पोस्टमार्टम किया था और बिसरा सुरक्षित नहीं किया. रिपोर्ट में अमनमणि त्रिपाठी को बचाने के लिए चोटें छिपायी और झूठी रिपोर्ट पेश की. याची आटोप्सी डाक्टर नहीं है और उसने ऐसे डॉक्टर की राय भी नहीं ली. मृत्यु का कारण नहीं बताया. पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं करायी गयी.
सीबीआई ने एम्स के डाक्टरों के पैनल से फोटोग्राफ व दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट दी कि गला दबाकर मारा गया है. शॉक या हैमरेज से मौत नहीं हुई है. बाएं फेफड़े में भी चोट है. पोस्टमॉर्टम में इनका जिक्र नहीं था तो सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की और याची पर षडयंत्र का आरोप लगाया. कोर्ट के पूछने पर याची अधिवक्ता सम्मन आदेश की अवैधानिकता पर कुछ नहीं बता सके तो कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.
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