प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। शाहजहांपुर में एलएलबी छात्रा के यौन शोषण के आरोप में पिछले कई महीनों से जेल में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की मॉनिटरिंग कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्वामी चिन्मयानंद की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमे उन्होंने खुद को मॉनिटरिंग केस में पक्षकार बनाए जाने की गुहार लगाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एसआईटी जांच की मॉनिटरिंग और पीड़ित छात्रा व उसके परिवार की सुरक्षा के संबंध में सुनवाई का आदेश दिया था। चिन्मयानंद की तरफ से उनके वकीलों ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। वह खुद आरोपी हैं और जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें अलग से पक्षकार बनाए जाने की इज़ाज़त नहीं दी जा सकती है।
चिन्मयानंद की अर्जी को खारिज किये जाने के साथ ही अदालत ने मॉनिटरिंग मामले में चल रही सुनवाई को पूरा मानते हुए अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है। हालांकि, अदालत ने अभी फैसला सुनाए जाने की तारीख तय नहीं की है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत का फैसला अब अगले महीने ही आएगा। मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस दीपक वर्मा की डिवीजन बेंच में चल रही थी। अदालत से आने वाले फैसले से ही यह तय होगा कि पीड़ित छात्रा द्वारा दिल्ली के लोधी रोड थाने में दी गई शिकायत पर अलग से एफआईआर दर्ज कर जांच कराई जाएगी या नहीं।
गौरतलब है कि शाहजहांपुर में एलएलबी की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट को पूरे मामले की मॉनिटरिंग किये जाने और पीड़ित छात्रा व उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने के आदेश दिए थे। बाद में स्वामी चिन्मयानंद ने छात्रा व उसके कुछ दोस्तों के खिलाफ भी रंगदारी मांगने व ब्लैकमेल किये जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
इस बीच पीड़ित छात्रा व उसके साथियों के अलावा स्वामी चिन्मयानंद ने अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। छात्रा व उसके सभी दोस्तों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जबकि स्वामी चिन्मयानंद की जमानत पर 16 नवम्बर को कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। अदालत का फैसला अभी नहीं आया है। दोनों ही मामलों में एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जांच पूरी होने, एसआईटी द्वारा चार्जशीट दाखिल होने और सभी पक्षों द्वारा अपनी बातें रखे जाने के बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई पूरी मानते हुए अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है।
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