Mukhtar Ansari Death Case: मुख्तार अंसारी मामले में यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की मौत मामले में मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन केसों के शीघ्र निस्तारण कराने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल याचिका को अर्थहीन करार दिया और उसे खारिज कर दिया है. 


मुख्तार अंसारी के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी भारतीय दंड संहिता, धारा 7 अपराध संशोधन कानून, धारा 25/27 आयुध अधिनियम के तहत ट्रायल चल रहा था. राज्य सरकार ने इसी ट्रायल को शीघ्र निस्तारित कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दिया है.


राज्य सरकार की और से दलील दी गई थी कि अब जबकि मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है. इसलिए इन तमाम मुकदमों का जल्द से जल्द निस्तारण हो जाना चाहिए. 


दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
मुख़्तार अंसारी की 28 मार्च को यूपी की बांदा जेल में अचानक तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे बेहोशी की हालत में बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां इलाज के दौरान हार्ट अटैक होने से उसकी मौत हो गई. मुख्तार के परिवार ने जेल प्रशासन पर उसे धीमा जहर देने के गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं मुख्तार ने भी अपनी पेशी के दौरान अदालत में जहर दिए जाने की बात कही थी. 


मुख़्तार की मौत के बाद भी ये मामला सुर्खियों में बना हुआ है. परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद इस मुद्दे पर जबरदस्त सियासत भी देखने को मिली. समाजवादी पार्टी, बसपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच किए जाने की मांग की है. हाल ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी के परिवार से मुलाकात भी की थी. इस दौरान उन्होंने मुख्तार की संदिग्ध हालत में हुई मौत को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा था. 


विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी की ओर से भी जवाब आया है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि माफिया की मौत के बाद कई घरों में दिवाली मनाई गई थी. जिनके सुहाग छीने गए होंगे, जिनकी राखियां छीनी गई होंगी, जिनकी कोख सूनी की गई होगी, वो कोई छोटी मोटी संख्या नहीं है. सरकार की ओर से भी इसकी न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.


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