Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में किसी और जगह पर परीक्षा दे रहे आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा लोक परीक्षाओं में नकल से व्यक्ति ही नहीं पूरा समाज प्रभावित होता है. नकल में लिप्त लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. आरोपी ने उसे गलत तरीके से फंसाने की दलील दी थी, लेकिन कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया.  


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि लोक परीक्षाओं में नकल का असर किसी एक व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है. इससे योग्यता और रोजगार के समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं. जो युवा इन एग्ज़ाम को पास करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो उससे भी उन्हें काफी नुकसान होता है. 


हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
कोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती में दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले आरोपी याची अमित कुमार को झटका देते हुए उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि नकल में शामिल लोगों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाना बेहद जरूरी है.


दरअसल फिरोजाबाद जनपद में स्थित शिकोहाबाद के पीआरटी सरस्वती इंटर कॉलेज में 17 फरवरी 2024 को पुलिस भर्ती बोर्ड ने परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में सचिन यादव के स्थान पर अमित कुमार बैठकर परीक्षा दे रहा था. बायोमैट्रिक के सत्यापन के दौरान वह पकड़ा गया. जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी, लोक परीक्षा अधिनियम व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया. 


इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी दी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. आरोपी अमित कुमार ने अपनी याचिका में दलील दी कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. आरोपी 17 फरवरी 2024 से वह जेल में बंद है. 


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