Allahabad High Court: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी सरकार बनने पर हर महीने साढ़े आठ हजार रुपए दिए जाने के वायदे से जुड़े मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान झूठे वादे पर कांग्रेस पार्टी के सभी 99 सांसदों को अयोग्य घोषित किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में पर्याप्त जानकारी नहीं देने के आधार पर याचिका को खारिज किया है. सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस मनीष कुमार निगम की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने जनहित याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा अपनी पर्याप्त जानकारी नहीं देने के आधार पर याचिका को पारित करने की बात कही है.
UP Politics: मायावती ने बदली रणनीति, BSP का बड़ा फैसला, दशकों बाद उठाया ये कदम
दोबारा नए सिरे से दाखिल होगी याचिका
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका को वापस लिए जाने की बात कही. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह पूरे तथ्यों के साथ याचिका को दोबारा नए सिरे से दाखिल करना चाहता है. याचिकाकर्ता की इस मांग पर अदालत ने याचिकाकर्ता को इसकी छूट देने की बात कही. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा केंद्र मे सरकार बनने पर खटाखट हर महीने साढ़े आठ हजार रूपए अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने की बात कही गई थी. इसका जिक्र कई रैलियों में भी किया गया था.
जनहित याचिका के जरिए कांग्रेस पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने, उसका चुनाव चिन्ह जब्त किए जाने और सभी 99 सांसदों को आयोग की घोषित किए जाने के साथ उनकी सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की गई थी. सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. जनहित याचिका में भारती सिंह ने अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका में याचिकाकर्ता के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए.