संभल हिंसा पर विवादित पोस्ट करने वाला सोशल एक्टिविस्ट जेल से रिहा, अदालत के फैसले पर की थी टिप्पणी
Sambhal Violence: संभल हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किए सोशल एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद को हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया गया.
Sambhal Violence News: संभल हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित बयानबाजी करने के आरोप गिरफ्तार किए गए सोशल एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप को रिहा करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया. जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. सोशल एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद ने रविवार की शाम को संभल हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर अदालत के फैसले पर टिप्पणी की थी.
इस पोस्ट के आधार पर प्रयागराज पुलिस ने केस दर्ज कर जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप को हिरासत में ले लिया था, हिरासत में लिए जाने पर पूछताछ के बाद जावेद पंप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जावेद पंप की तरफ से उसकी बेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. याचिका दाखिल करने के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले को अर्जेंसी के आधार पर चुने जाने की गुहार भी लगाई गई थी. मामले की सुनवाई आज जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की सिंगल बेंच में हुई.
यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि बेल बांड दाखिल करने पर शाम तक जेल से रिहा कर दिया जाएगा. औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप को जेल से रिहा कर दिया गया है. जावेद पंप की तरफ से हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान नकवी और शाश्वत आनंद ने दलीलें पेश की थी.
जावेद पर लोगों को भड़काने का लगा था आरोप
जावेद पंप पर आरोप था कि सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर वह प्रयागराज के लोगों को भी भड़काना चाहता था. जावेद पंप को जून 2022 में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद प्रयागराज के अटाला में हुई हिंसा का भी मास्टरमाइंड बताया गया था. इस मामले में जावेद पंप को तकरीबन डेढ़ साल तक जेल में रहना पड़ा था. जेल से निकलने के बाद जावेद पंप ने लखनऊ जाकर सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.
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