Allahabad High Court: कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोपी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को इलाहाबात हाईकोर्ट से राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीति शास्त्र के प्रो मो० शाहिद को विभागाध्यक्ष नहीं बनाने का आदेश को रद्द कर दिया है. मोहम्मद शाहिद ने वरिष्ठता के बावजूद विभागाध्यक्ष नहीं बनाए जाने के रजिस्ट्रार के आदेश को चुनौती दी थी.


कोर्ट ने माना है कि वरिष्ठता के अनुसार प्रो मोहम्मद शाहिद विभाग का अध्यक्ष होने के हकदार हैं. प्रो मोहम्मद शाहिद के खिलाफ 2020 में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था. मोहम्मद शाहिद के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था. 


मोहम्मद शाहिद ने रजिस्ट्रार द्वारा 11 जुलाई 2023 को पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. रजिस्ट्रार ने मोहम्मद शाहिद के बजाय वरिष्ठता क्रम में पहले स्थान पर रहे प्रोफेसर को विभाग का अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया था. याची का कहना था कि राजनीति शास्त्र विभाग में वह वरिष्ठता क्रम में चौथे स्थान पर थे. जबकि उनके बाद प्रोफेसर पंकज कुमार पांचवें स्थान पर थे. विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार विभागाध्यक्ष योग्य प्रोफेसर में वरिष्ठता क्रम के अनुसार से रोटेशन के अनुसार नियुक्त किए जाते हैं.


2020 में दर्ज हुआ था मुकदमा 
याची के विरुद्ध 2020 में मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया. इसलिए उनके स्थान पर उनसे कनिष्ठ प्रो पंकज कुमार को विभाग का अध्यक्ष बना दिया गया. इस दौरान राज्य सरकार ने मुकदमा वापस ले लिया और विश्वविद्यालय ने भी याची निलंबन  समाप्त कर दिया. उससे वह अपनी वरिष्ठता के अनुसार पूर्व की स्थिति में आ गए. इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने प्रो पंकज कुमार का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें विभागाध्यक्ष नियुक्त नहीं किया, बल्कि वरिष्ठता क्रम में पहले स्थान पर रहे प्रोफेसर को विभाग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया जो भेदभावपूर्ण है.जस्टिस विकास बुधवार की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है.


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