Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) की याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. आजम खान ने पट्टा निरस्त करने के योगी कैबिनेट (Yogi Adityanath) के फैसले को चुनौती दी है और कैबिनेट के फैसले को रद्द करने की मांग की है. जस्टिस एस पी केशरवानी और जस्टिस अनीस कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच में इस पर सुनवाई हुई 


 

दरअसल राज्य सरकार ने रामपुर में प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया था, संस्थान के नाम जमीन दी गई, लेकिन संस्थान का निर्माण नहीं किया गया, आरोप हैं कि आजम खां मंत्री थे तो 30 नवंबर 14 को कैबिनेट प्रस्ताव से संस्थान की जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के नाम पट्टा करा लिया, उस जमीन पर उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की स्थापना की. जिस संस्थान में लोक सेवकों की नियुक्ति की जानी थी, वहां अपनी मर्जी से पब्लिक स्कूल में अधिकारियों की नियुक्ति की. 

 


जानें क्या है पूरा मामला?

आजम खान ने जमीन जिस उद्देश्य से दी गई थी उसकी प्रकृति बदल ली और रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण करवा दिया. सीएम योगी सरकार में 18 जनवरी 2023 को कैबिनेट निर्णय के तहत सोसायटी के नाम जारी पट्टा निरस्त कर दिया गया है और कैबिनेट ने जमीन वापस करने का आदेश जारी किया है. जिस पर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान बनाने का फैसला लिया गया है. इस फैसले को आज़म खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है, उनका कहना है कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. 

 

आजम खान का कहना है कि आदेश में कैबिनेट के पूर्व निर्णय को पलटने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, इसलिए आजम ने याचिका में मांग की है कि कैबिनेट का फैसला रद्द किया जाये, सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकारी संस्थान की जमीन फ्राड के जरिए प्राइवेट सोसायटी के नाम की गई थी, आज़म खां सोसायटी के अध्यक्ष हैं. कैबिनेट निर्णय लेते समय सुने जाने का औचित्य नहीं है, सरकारी आदेश सही है.