यूपी बेसिक स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- DM को निरीक्षण का अधिकार नहीं
Allahabad High Court ने कहा कि बेसिक स्कूल यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा संचालित किए जाते हैं इसलिए इन स्कूलों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी का नियंत्रण होता है.
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के बेसिक शिक्षा स्कूलों को लेकर बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बनाए गए स्कूलों के कार्यों में हस्तक्षेप करने और निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने संभल के स्कूल की शिक्षिका द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही है और जिलाधिकारी के निर्देश पर किए निरीक्षण के दौरान शिक्षिका के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया.
संभल के स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षिका संतोष कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने अपने निलंबन को चुनौती दी थी. याची के वकील चंद्रभूषण यादव ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी ने संयुक्त रूप से बेसिक स्कूल का निरीक्षण किया था, इस दौरान उन्होंने स्कूल में तैनात शिक्षिका को ख़राब प्रदर्शन के आधार पर निलंबित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया.
डीएम को बेसिक स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार नहीं
इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा कि प्रथम दृष्टया 25 अक्टूबर 2024 को पारित शिक्षिका के निलंबन का आदेश असंवैधानिक है. इसके कई कारण हैं. कोर्ट ने कहा कि पहली बात ये है कि स्कूल का निरीक्षण जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम द्वारा किया गया था, जिनको बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है और न ही उसके कार्यों में उनकी भूमिका है.
कोर्ट ने कहा कि बेसिक स्कूल यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा संचालित किए जाते हैं इसलिए इन स्कूलों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी का नियंत्रण होता है. जो बीएसई अपर निदेशक, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के प्रति जवाबदेह होते हैं, जिसका अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होता है. इसलिए बेसिक स्कूलों में डीएम को निरीक्षण का अधिकार नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि संभल के स्कूल में उपजिलाधिकारी डीएम के आदे पर निरीक्षण के लिए गए थे, उन्होंने डीएम के निर्देशों का पालन किया और निलंबन का आदेश एसडीएम और बीईए के संयुक्त निरीक्षण के बाद पारित किया गया. इसलिए ये माना जाएगा की इस निलंबन में डीएम को आदेश का पालन किया गया. कोर्ट ने कहा कि अगर ये भी माना जाता है कि शिक्षिका का निलंबन उसके ख़राब प्रदर्शन की वजह से किया गया तो वो भी उसकी प्रोन्नति में बाधा बन सकता है. कोर्ट ने शिक्षिका के निलंबन के आदेश को निलंबित कर दिया.
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