UP News: 'श्रवण कुमार की धरती पर मोहब्बत के लिए तरस रहे माता-पिता', इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी
Allahabad High Court: प्रयागराज में एक बुजुर्ग ने अपने बेटों के दुर्व्यवहार से परेशान होकर हाईकोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई. कोर्ट ने इस मामले में एसडीएम को छह हफ्ते में कार्रवाई के निर्देश दिए.
Prayagraj News: उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में एक पिता ने बेटे के रवैये को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का दरवाजा खटखटाया. पिता ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उनके बेटे उनकों प्रताड़ित कर रहे हैं. प्रताड़ना रोकने और प्यार सम्मान से उनका भरण पोषण करने का आदेश देने की मांग की है. हंडिया निवासी छविनाथ (85) ने याचिका दाखिल करते हुए अपने बेटों के खिलाफ देखभाल न करने और भावनात्मक आश्रय देने की बजाय परेशान करने के साथ ही संपत्ति से बेदखल करने की शिकायत हाईकोर्ट में की थी.
बुजुर्ग ने कोर्ट से लगाई न्याय की गुहार
हंडिया निवासी छविनाथ ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि कोर्ट उनके बेटों को आदेश कि वह उनकी देखभाल करें, प्यार सम्मान से उनका भरण पोषण करें. कोर्ट से बेटों की प्रताड़ना रोकने की मांग की है. उनके बेटे उनको प्रताड़ित करते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके बेटे उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं. बुजुर्ग पिता ने अपनी शिकायत के समाधान के लिए हंडिया के एसडीएम से भी गुहार लगाई थी. लेकिन उस पर कोई सुनावाई नहीं हुई.
हाईकोर्ट ने की ये टिप्पणी
न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और प्रशांत कुमार ने कहा कि हमारा देश महान संतान श्रवण कुमार की भूमि है, यहां बच्चों से अपने बुजुर्ग माता-पिता की उचित देखभाल करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन पीड़ादायक है कि नैतिक मूल्यों में इस कदर गिरावट आ गई है कि अपना सुख-चैन जिन बच्चों के लिए माता-पिता त्याग कर जीवन खत्म कर देते हैं, वही बच्चे उन्हें बुढ़ापे में दो जून की रोटी और मोहब्बत के लिए तरसा रहे हैं. आजकल कई मामलों में बच्चे अपने माता-पिता से संपत्ति प्राप्त करने के बाद अपने बूढ़े माता-पिता को छोड़ देते हैं. जो न सिर्फ दुखद है, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों में निरंतर आ रही गिरावट का प्रतीक भी है.
एसडीएम से भी लगाई थी गुहार
हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए बुजुर्ग ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने छह महीने पहले मामले की शिकायत हंडिया एसडीएम से की थी. लेकिन आजतक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं की गई. वहीं अब इस मामले में कोर्ट ने हंडिया एसडीएम को छह सप्ताह के भीतर शिकायतों पर सभी हितधारकों को सुनने के बाद सख्ती से जरूरी निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.
यूपी सरकार ला सकती है भरण पोषण का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश माता-पिता भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव शीघ्र ही एक बार फिर कैबिनेट के सामने रखे जाएंगे. इसमें माता-पिता भरण पोषण नियमावली में संशोधन के लिए बिंदु 22 पर कुछ और उप नियम जोड़े जाएंगे. प्रस्ताव के अनुसार एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्युनल को यह अधिकार होगा कि, वह माता-पिता का ध्यान न रखने वाले बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर सकें. इस फैसले को लागू करवाने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी जिसमें पुलिस भी मदद करेगी.
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