Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 8 साल की बच्ची से रेप के मामले में POCSO एक्ट के तहत आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की खंडपीठ ने आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि बलात्कार के अपराध में पेनिट्रेशन की डेप्थ मायने नहीं रखती है. कोर्ट ने कहा कि कहा हमारे देश में बच्चियों की पूजा की जाती है बावजूद इसके बच्चियों के खिलाफ रेप के केसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये पूरा मामला 16 जुलाई 2021 का है जब गोरखपुर में एक 8 साल की बच्ची अमरूद तोड़ने गई थी तो उसके पड़ोसी चन्द्र प्रकाश शर्मा ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की और रेप किया. बच्ची ने ये बात अपनी मां को बताई, जिसके बाद डॉक्टरी परीक्षण में रेप की पुष्टि हुई. जिसके बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट आईपीसी की धारा 354, 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत मामला दर्ज किया गया.
आरोपी के वकील ने दी ये दलील
आरोपी चन्द्र प्रकाश शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उसके वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को इस केस में झूठा फंसाया गया है. पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान नहीं है. इसके साथ ही वकील ने कहा कि पीड़िता ने अपने बयान में ये नहीं कहा है कि उसके साथ रेप हुआ. ऐसे में आरोपी के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. आरोपी 17 जुलाई से जेल में बंद है.
अदालत ने कही ये बात
आरोपी के वकील की दलील सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि रेप की घटनाओं का बच्चियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. कई बार तो इसकी वजह से बच्चियां भारी अवसाद में चली जाती है और आत्महत्या के विचार तक मन में घर कर जाते हैं. अदालत ने कहा कि रेप सिर्फ एक बच्ची के खिलाफ अपराध नहीं है बल्कि समाज के खिलाफ अपराध है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी चंद्र प्रकाश शर्मा को जमानत देने से इनकार कर दिया.