(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिजली सब्सिडी घटाए जाने के फैसले को इलाहाबाद HC में चुनौती, कोर्ट ने मांगा यूपी सरकार से जवाब
UP News: यूपी में छोटे बुनकरों को पावरलूम चलाने के लिए सप्लाई की जाने वाली बिजली की सब्सिडी घटाए जाने के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अदालत यूपी से सरकार से जवाब मांगा है.
Prayagraj News: यूपी में छोटे बुनकरों को पावरलूम चलाने के लिए सप्लाई की जाने वाली बिजली की सब्सिडी घटाए जाने से कीमतों में बढ़ोतरी का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. हाईकोर्ट इस मामले में 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में बिजली की कीमत तकरीबन छह गुना बढ़ाए जाने के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है.
गौरतलब है कि यूपी में छोटे बुनकरों को पावरलूम चलाने के लिए बेहद कम कीमत पर बिजली मुहैया कराई जाती थी. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति हॉर्स पावर सिर्फ ₹65 रुपए लिए जाते थे, जबकि शहरी इलाके में 135 रुपए. यूपी सरकार ने पिछले साल 6 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर सब्सिडी में कटौती किए जाने और कीमतें बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया था. नोटिफिकेशन के मुताबिक ग्रामीण इलाके के छोटे बुनकरों को नए रेट से अब प्रति हॉर्स पावर ₹65 के बदले 400 रुपए भुगतान करना था, जबकि शहरी इलाके में 135 रुपए के बदले ₹800 अदा करने थे. इस पर ऐतराज जताया गया तो पावर कॉरपोरेशन ने इस साल फरवरी महीने तक पुरानी कीमतों पर ही बिल जमा कराया. फरवरी महीने से नए रेट पर भुगतान का फरमान जारी किया गया तो सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के बुनकर अब्दुल वाला उर्फ अबुल वाला ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की.
बिजली कीमतों में राहत दिए जाने की मांग
याचिका में कहा गया कि वह बेहद गरीब बुनकर है. पूरा परिवार कमीशन पर काम करता है और पूरे दिन में तकरीबन पांच सौ रुपए ही कमा पाता है. बिजली की कीमतें बढ़ने से उसका घर चला पाना बेहद मुश्किल होगा. याचिका में यह भी कहा गया कि बड़े बुनकरों को ज्यादा राहत दी जा रही है और उसके जैसे छोटे व गरीब बुनकरों से बिजली की ज्यादा कीमत वसूली जा रही है. याचिकाकर्ता अब्दुल की तरफ से कोर्ट में उसके अधिवक्ता कृपेश मिश्रा ने पक्ष रखा. मामले की सुनवाई जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच में हुई. याचिका में पिछले साल अप्रैल महीने के नोटिफिकेशन को रद्द किए जाने और छोटे बुनकरों को बिजली कीमतों में ज्यादा राहत दिए जाने की मांग की गई है.
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