छात्र संघ चुनाव की मांग पर AMU प्रशासन बैकफुट पर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा हलफनामा
Student Union Elections in AMU: छात्र संघ चुनाव का मुद्दा AMU में गहराता जा रहा है. छात्र संघ चुनाव को लेकर मास्टर्स के एक छात्र ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इस पर सुनवाई शुरू हो चुकी है.
Aligarh News Today: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में छात्र संघ चुनावों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. लंबे समय से छात्र संघ चुनाव की मांग कर रहे छात्रों ने इस मुद्दे पर अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने से बच रहा है, जिससे छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं.
एएमयू के छात्र इससे पहले छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगातार उनकी मांगों को अनसुना कर दिया. इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने उल्टा प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिया. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से छात्र काफी नाराज हैं और निराश होकर छात्रों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
'AMU में जल्द होंगे छात्र संघ चुनाव'
हाईकोर्ट में दायर याचिका में छात्रों ने विश्वविद्यालय पर चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाते हुए इसे छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई शुरू कर दी है. छात्रों और उनके वकीलों का दावा है कि यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है, क्योंकि छात्रों की मांग पूरी तरह जायज है. छात्रों ने कहा कि उम्मीद है कि एएमयू में छात्र संघ चुनाव जल्द होंगे और सभी छात्रों की जीत होगी.
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, "अगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कोर्ट के आदेश से पहले छात्र संघ चुनाव कराता है, तो ये विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक अच्छी पहल होगी. " उन्होंने कहा, "फिर भी अगर एएमयू प्रशासन चुनाव नहीं करवाता है तो कोर्ट के आदेश से चुनाव होना तय है."
LLM छात्र ने दाखिल की PIL
दरअसल, एएमयू के एलएलएम छात्र कैफ हसन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में छात्र संघ चुनाव कराए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की है, इस पर शुक्रवार को सुनवाई नियत थी. इस दौरान एएमयू की तरफ पेश वकील ने निर्देश दाखिल किया. एएमयू की तरफ से पेश निर्देश में बताया गया कि परिस्थिति अनुकूल न होने के कारण और परीक्षा की वजह से अभी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं.
इस कोर्ट पिछले छह सालों से चुनाव न कराने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना की. कोर्ट की टिप्पणी पर एएमयू के वकील ने कहा कि चुनाव कराया जाएगा, लेकिन परीक्षा और स्थिति को देखते हुए इस पर निर्णय लिया जाएगा.
एएमयू के इस तर्क पर हाईकोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की कि परिस्थितियों और शैक्षणिक क्रियाकलाप छात्र संघ चुनाव में रुकावट नहीं बन सकते हैं, इसकी वजह यह है कि शैक्षणिक कार्य पूरे साल चलते हैं. एएमयू के निर्देश में अस्पष्टता होने की वजह से कोर्ट ने कुलपति और रजिस्ट्रार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
'अल्पसंख्यक दर्जे की लड़ाई में छात्र संघ अहम'
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम अंजुम, अली बिन सैफ और जीशान खान ने जिरह की. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि ये बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने निर्देश में छात्र संघ और यूनिवर्सिटी की छवि के विपरीत बातें लिखी हैं. हमें विवश हो कर न्यायालय जाना पड़ा, मगर हमें विश्वास है कि न्याय होगा. याचिकाकर्ता ने कहा कि आगामी रेगुलर बेंच के सामने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे की कानूनी लड़ाई के लिये छात्र संघ का होना बहुत जरुरी है.
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम अंजुम ने बताया कि छात्र संघ चुनाव सुप्रीम कोर्ट के जरिये पारित आदेश के अधीन अनिवार्य है और लिंगदोह कमेटी की सिफारिश एक कानून का प्रारूप है. हाईकोर्ट के परिपेक्ष्य में हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही आदेश पारित करके विधि अनुसार छात्र संघ के चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एएमयू प्रशासन को सुझाव दिया गया है कि समय रहते वह खुद फैसले लेते हुए छात्र संघ चुनाव कराए, इसमें दोनों की जीत है.
कब-कब हुई सुनवाई?
बता दें, जनहित याचिका विधि विभाग के छात्र कैफ हसन ने 11 नवंबर को दाखिल की थी. इस याचिका पर पहली सुनवाई 18 नवंबर को हुई, जिसमें प्रशासन को जवाब दाखिल करना था. दूसरी तारीख 29 नवंबर को नियत थी, जिसमें कुलपति और रजिस्ट्रार को हलफनामा दाखिल करने का आदेश हुआ है. अब इस मामले में अगली सुनवाई अवकाश के बाद 9 जनवरी को होगी.
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