प्रयागराज, एबीपी गंगा। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने भर्ती विज्ञापन के खिलाफ दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर एक महीने के भीतर जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसी साल 23 अप्रैल के विज्ञापन व 7 मार्च के अध्यादेश के आधार पर की गई नियुक्तियां याचिका के निर्णय के अधीन होंगी।


बतादें कि यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने डॉ रामदेव पांडेय की याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भर्ती विज्ञापन में विश्वविद्यालय को इकाई मानकर आरक्षण लागू किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार विभाग व विषय को इकाई मानकर आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। याचिका में यूनिवर्सिटी को इकाई मानकर भर्ती की अनुमति देने वाले 7 मार्च 2019 के अध्यादेश की वैधता को भी चुनौती दी गयी है। अधिवक्ता आरती राजे ने याचिकाकर्ता की तरफ से, बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने भारत सरकार की तरफ से और विनोद कुमार शुक्ल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से अदालत में पक्ष रखा।


याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश संविधान के अनुच्छेद 14, 16 व 21 तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है।