Prayagraj News: डीएसपी राजेश कुमार तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला जज का अनादर करने और रौब झाड़ने का संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने आरोपी डीएसपी को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है. राजेश कुमार तिवारी को एक हफ्ते में नोटिस तामील कराने का आदेश दिया गया है. मुरादाबाद की महिला सिविल जज की शिकायत का जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच रिजवी की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया.


डीएसपी को भारी पड़ेगा महिला जज का तिरस्कार 


बताया जाता है कि 24 जुलाई को ठाकुरद्वारा सीओ राजेश कुमार तिवारी छेड़खानी और दलित उत्पीड़न मामले में पीड़िता का कलमबद्ध बयान दर्ज कराने अदालत पहुंचे थे. अदालत में महिला जज ने जांच अधिकारी का नाम पूछा. राजेश कुमार तिवारी ने नाम बताने से इंकार कर दिया. डीएसपी राजेश कुमार तिवारी ने महिला जज को जवाब दिया कि, 'मैं सीओ ठाकुरद्वारा हूं. फाइल में नाम को पढ़ लो.' अदालत के एतराज जताने पर डीएसपी राजेश कुमार तिवारी ने व्यंग्यात्मक लहजे में नाम बताया.


आपराधिक अवमानना का जारी किया गया नोटिस


आरोपों के मुताबिक महिला जज पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए डीएसपी राजेश कुमार तिवारी कोर्ट रूम से बाहर चले गए. महिला सिविल जज ने डीएसपी के बर्ताव की शिकायत मुरादाबाद सीजेएम और जिला जज से की. जिला जज ने एसएसपी के माध्यम से डीएसपी राजेश कुमार तिवारी को तलब कर मामले की जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट को दी. हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर मामले से जुड़े हुए सभी रिकार्ड तलब कर लिए. जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच रिजवी की खंडपीठ ने अदालत की कार्यवाही के दौरान डीएसपी का आचरण सही नहीं माना है. डीएसपी को अदालत ने आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी कर दिया. डीएसपी से बताने को कहा है कि क्यों न आपराधिक अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए. हाईकोर्ट ने अभी अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं की है. 


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