प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट से फेसबुक पर पीएम और सीएम राहत कोष को लेकर टिप्पणी करने वाले एटा जिले के शिक्षक नेता बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने शिक्षक नेता को फौरी राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. याची अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से आईटी एक्ट की धारा 66ए को असंवैधानिक घोषित किया जा चुकी है जिसके तहत शिक्षक नेता नन्द लाल यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए विवेचना अधिकारी से स्पष्टीकरण के साथ 20 जुलाई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है और शिक्षक नेता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
यह आदेश जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस दीपक वर्मा की खण्डपीठ ने याची शिक्षक नेता नन्द लाल यादव की याचिका पर दिया है. पूरा मामला एटा जिले के मिरहची थाने का है. स्थानीय इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य और शिक्षक नेता नन्द लाल यादव ने फेसबुक पर प्रधानमंत्री ओर मुख्यमंत्री राहत कोष पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की थी. जिस पर मिरहची थाने की पुलिस ने याची के विरुद्ध आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर के खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में एफआईआर को निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक को लेकर याचिका दाखिल की है.
याची के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना है कि आईटी एक्ट की धारा 66ए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से असंवैधानिक घोषित किये जाने के बावजूद याची के विरुद्ध धारा 66ए के तहत मुकदमा दर्ज करना न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि निरस्त होने योग्य भी है.
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